हिट एंड रन कानून का विरोध, ट्रक-बस और ऑटो चालकों की हड़ताल से बढ़ी परेशानी, मुंह मांगा भाड़ा मांग रहे ठेला-बाइक चालक

हिट एंड रन कानून का विरोध, ट्रक-बस और ऑटो चालकों की हड़ताल से बढ़ी परेशानी, मुंह मांगा भाड़ा मांग रहे ठेला-बाइक चालक

JAMUI: केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून पर देशभर में बवाल खड़ा हो गया है। हाल ही में कानून में किए गए संशोधन का देशभर में चक्का जाम कर विरोध हो रहा है। तीन दिनों से चल रही ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का असर अब यात्रियों पर भी दिखने लगा है। हिट एंड रन के कानून के विरोध में ऑटो चालक ने भी आज चक्का जाम कर दिया है। ऑटो चालक और बस चालकों की हड़ताल के कारण जमुई स्टेशन से मुख्यालय जाने वाली करीब 270 ऑटो, 120 ई-रिक्शा और 8 बसे नहीं चल रही है। जिसके कारण जमुई स्टेशन से मुख्यालय की दूरी 8 किलोमीटर तक यात्री पैदल ही जाने को विवश है। अचानक टेंपो चालकों के द्वारा हड़ताल करने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। 


सैकड़ो की संख्या में इस ठंड में बुजुर्ग महिला बच्चे जमुई स्टेशन पर उतरने के बाद पैदल ही अपने गंतव्य ठिकाने पर जाने को मजबूर है। हावड़ा-पटना मुख्य मार्ग होने के कारण जमुई स्टेशन पर कई गाड़ियों का ठहराव है। जिसके कारण पटना और हावड़ा की ओर आने जाने के लिए यात्रियों की भीड़ लगी रहती है। जिला मुख्यालय से स्टेशन की दूरी 8 किलोमीटर है। स्टेशन तक आने और जाने का एक मात्र साधन ऑटो ही है। एक ओर जहां ऑटो चालकों ने प्राइवेट वाहनों में लोगों को नहीं बैठने दिया तो वहीं दूसरी ओर बसे भी नही चली। 


ऐसी स्थिति में आम लोग और सरकारी कर्मियों को भी स्टेशन पर उतरने के बाद  अपने गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ा। कई किलोमीटर तक लोगों को ठंड में पैदल चलना पड़ा। चालकों ने नए कानून का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। जमुई स्टेशन पर चालकों ने कहा कि अगर हम चालक रुकते हैं तो भी मारेंगे और भागेंगे तो भी मारेंगे ऐसे कानून का हम लोग विरोध करते हैं ऐसे में बीएससी पास शिक्षक आशीष कुमार जो आरा से चलकर जमुई आए थे जिनको सिकंदरा के बीआरसी में पहुंचकर अपना योगदान देना था उन्होंने बताया कि सुबह से ही जमुई स्टेशन पर उतरे ऑटो के लिए भटक रहे हैं बाद में लोगों को पैदल जाते देखा और पूछा तो पता लगा कि हड़ताल के कारण ऑटो का संचालन नहीं हो रहा है।


ऐसे में क पाठक का फरमान टाइम पर नहीं पहुंचे तो कार्रवाई अब शिक्षक पैदल कहां तक जाए और तो नहीं मिल रहा है उन्होंने बताया कि  इस ठंड में काफी परेशानी हो रही है वही महिला यात्री नवादा कौवाकोल की रहने वाली रेनू देवी बताती हैं कि दिल्ली जाना था, लेकिन हड़ताल के कारण ऑटो और बस बंद होने से परेशानी हुई। बस और ऑटो के बंद होने से मायूसी हुई। तो वहीं कई पेशेंट भी झाझा से इलाज करने के लिए जमुई आए थे उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ा, तो वहीं देवघर,कयुल, जमुई से विद्यार्थी भी परेशान नजर आए कई विद्यार्थियों ने बताया कि हम लोगों को इग्नू से बीए पार्ट 2 का परीक्षा देने के लिए जमुई के कैंप कॉलेज जाना है स्टेशन उतरते साथ ऑटो वाले का हड़ताल और कोई गाड़ी नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है।


समय पर परीक्षा केंद्र में पहुंच पाएंगे भी कि नहीं यह समस्या सता रही हैअपने बीमार बेटे को पैदल ही लेकर जमुई जाते नजर आए इधर ऑटो वाहन के हड़ताल होने के कारण मलयपुर थाना की पुलिस यात्रियों के सुरक्षा को लेकर सड़को पर गस्ती करते नजर नजर आई तो कई वृद्ध हुआ महिला बच्चों को अपनी गाड़ियों से मदद करते भी नजर आ रहे थे।


वहीं ठंड में करीब 80 वर्ष बुजुर्ग बालेश्वर पासवान जो गिद्धौर थाना क्षेत्र के कुंदर गांव के रहने वाले हैं पैदल ही जमुई स्टेशन से जमुई बाजार 8 किलोमीटर पैदल जाते नजर आए पूछने पर उन्होंने बताया कि जमुई एसबीआई बैंक बिरधा  पेंशन लेने जा रहे थे जहां से यह ठंड के लिए कपड़ा खरीदने जमुई स्टेशन पर उतरे तो एक भी टेंपो नहीं जा रहा है सबको देख पैदल जाते तो यह भी पैदल जाना शुरू कर दिए जिससे काफी परेशानी हो रही है।


बस और ऑटो के हड़ताल के बीच कई युवक जमुई स्टेशन पर बाइक लेकर पहुंच गए और महिला और पुरुष यात्रियों से मुंह मांगा कीमत लेकर उनके कर्तव्य स्थान तक पहुंचने लगे तो वहीं ठेला पर भी कई यात्री जाते नजर आए ठेले वाले ने भी जमुई पहुंचने का ₹300 भाड़ा लिया जब इस संबंध में बाइक चालकों से पूछा तो उन्होंने बताया कि ऑटो और टेंपो वह बस नहीं चल रही है तो हम लोग कुछ कमाने के लिए जमुई स्टेशन से यात्रियों को पहुंचा रहे हैं ।


जहां जमुई स्टेशन का बाइक से ₹100 पर हेड भाड़ा मांगा तो वही जमुई स्टेशन से सिकंदरा जाने का 800, इस संबंध में सिकंदरा निवासी राजा कुमार ने बताया कि हम कल आसनसोल गए थे अभी लौटकर जमुई पहुंचे तो यहां एक भी गाड़ी नहीं चल रही है एक बाइक वाला सब तीन चार लगाए हुए थे वह लोग बोले कि हम पहुंचा देंगे भाड़ा पूछने पर सीधे ₹800 बोला गया कि कम से कम 800 दे दो। ऑटो, बस और ट्रक के हड़ताल पर जाने से इनकी चांदी हो गयी है। लोग मजबुरन ठेले और बाइक से ज्यादा पैसे देकर अपने गंतव्य स्थान तक जा रहे हैं।