PATNA : बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य के अंदर हाई स्कूलों में बहाल होने वाले हेडमास्टर की परीक्षा को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। आयोग ने यह तय किया है कि, अब हेडमास्टर बहाली परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं होगी। जिससे इस परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। हालांकि, इस बार अभी कैबिनेट के तरफ से फाइनल मुहर लगना बाकी है।
दरअसल, राज्य के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नियुक्ति के लिए नियमावली को संशोधित कर दी गई है। इसमें यह तय किया गया है कि परीक्षा कैसे ली जाएगी यह शिक्षा विभाग तय कर नहीं देगा बल्कि इस परीक्षा का पैटर्न बीपीएससी खुद से तय करेगा। हालांकि, परीक्षा पैटर्न तय करने में शिक्षा विभाग के साथ बैठक कर परामर्श लेने की बात जरूर कही गयी है।
इसके साथ ही प्रधानाध्यापक भर्ती परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं होगी। इससे पहले 0.25 प्रतिशत निगेटिव मार्किंग होती थी। यानी 4 गलत प्रश्न पर 1 अंक काटना तय किया गया था। यह भी माना जा रहा है कि 2 घंटे की वस्तुनिष्ठ परीक्षा में 150 की जगह 100 प्रश्न ही पूछे जाएं। हालांकि प्रश्न की संख्या बाद में तय होगी। शिक्षण अनुभव में 2 से 4 साल तक की छूट मिलेगी। माध्यमिक शिक्षकों के लिए अब 10 साल के बदले 8 साल और उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए 8 के बदले 4 साल का अनुभव चाहिए।
इसके आलावा सरकारी उच्च व उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए उम्र सीमा तय नहीं रहेगी। निजी स्कूलों के शिक्षकों के लिए न्यूनतम 31 और अधिकतम 47 वर्ष आयु के शिक्षक प्रधानाध्यापक के लिए आवेदन के पात्र होंगे। 2012 या उसके बाद नियुक्त शिक्षक के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। प्रधानाध्यापक का तबादला प्रमंडल पर होगा। अब इस पुरे संशोधित नियमावली को जल्द ही कैबिनेट से स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। उसके बाद प्रधानाध्यापक की वैकेंसी बीपीएससी को भेजी जाएगी।
आपको बताते चलें कि, इस बार यह उम्मीद लगाई जा रही है कि जून या जुलाई के अंत तक प्रधानाध्यापक के लिए रिक्ति आ सकती है। पिछले साल 6421 प्रधानाध्यापक भर्ती के लिए ली गई परीक्षा में मात्र 420 अभ्यर्थी ही सफल हो सके थे। इसके बाद कई स्कूलों में पद खाली रह गए थे। इस कारण स्कूलों का प्रबंधन सुचारू ढंग से नहीं चल पा रहा था। अब विभाग ने परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया है।