हड़ताली नियोजित शिक्षक नेता की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने ली पुलिस की क्लास, पसीने-पसीने हो गए दारोगा बाबू

हड़ताली नियोजित शिक्षक नेता की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने ली पुलिस की क्लास, पसीने-पसीने हो गए दारोगा बाबू

BEGUSARI : बेगूसराय में हड़ताली शिक्षक नेता को गिरफ्तार करने वाले दरोगा बाबू खुद ही फंस गए हैं। बेगूसराय कोर्ट ने बीईओ के आवेदन पर तुरंत शिक्षक को गिरफ्तार करना वाले दारोगा की जमकर क्लास ली। कोर्ट के सवालों के आगे दारोगा बाबू बगलें झांकते नजर आए। कोर्ट ने शिक्षक को बेल देते हुए तेघड़ा दारोगा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।


जज साहब ने तेघड़ा थाना के दारोगा से सीआरपीसी की धारा-41 का पालन करने के संबंध में अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में पूछा तो भरी अदालत में दारोगा जी पसीने-पसीने हो गए। चूंकि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि सात साल से कम की सजा वाले केस में आरोपित को गिरफ्तारी से पहले नोटिस दिया जाता है, फिर पुलिस उससे केस में उनसे सहयोग मांगती है। दूसरी सूरत में अगर उसे गिरफ्तार कर भी लिया जाता है तब फिर से पुलिस सहयोग वाली प्रक्रिया अपनाती है।लेकिन तेघड़ा पुलिस ने इस पूरी प्रकिया की अनदेखी की। जिसके कारण जज ने दारोगा को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया।


बता दें कि तेघड़ा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के शिक्षक चंदन कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। बीईओ भुवनेश्वर राय ने शिक्षक पर आरोप लगाया था कि उसने गाली-गलौज और मारपीट की है। शिक्षक ने बीईओ से हड़ताल पर गये शिक्षकों की सूची मांगी थी लेकिन बीईओ ने इंकार कर दिया। इसके बाद दोनों में कहासुनी होने लगी और मामला गाली-गलौज और मारपीट की नौबत तक पहुंच गया था। बीईओ की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच-पड़ताल के बिना ही शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं, दूसरी ओर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखंड सचिव सूरज कुमार पासवान द्वारा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर जाति सूचक शब्द का प्रयोग करने, गाली गलौज करने तथा कॉलर पकड़कर मारपीट का आरोप लगाते हुए तेघड़ा थाना में मामला दर्ज कराया था।