गिरिराज पर मुक्का चलाने वाला जेल से रिहा, चुनरी ओढाकर मो. सैफी का लोगों ने किया जोरदार स्वागत

गिरिराज पर मुक्का चलाने वाला जेल से रिहा, चुनरी ओढाकर मो. सैफी का लोगों ने किया जोरदार स्वागत

BEGUSARAI: केंद्रीय मंत्री व बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह पर मुक्का चलाने वाले मोहम्मद सैफी आज देर शाम जेल से रिहा हो गये। सैफी के स्वागत में भारी संख्या में लोग जेल के बाहर उमड़े। सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। जेल से बाहर निकलते ही लोगों ने चुनरी ओढाकर मोहम्मद सैफी का स्वागत किया। 


बता दें कि 3 सितंबर मंगलवार को एसीजेएम 4 की अदालत से उन्हें जमानत मिली थी और आज वो जेल से बाहर आ गये। जेल से निकलते ही मोहम्मद सैफी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 40 साल में यहां का कोई भी एमपी और विधायक रोड नहीं बना सका। पुलिया में बच्चा डूबकर मर रहा है। हम कभी विधायक और एमपी से पुल नहीं मांगे थे लेकिन पुल की रैलिंग की मांग कर रहे थे। क्योंकि बच्चे पानी में डूबकर मर रहे थे। 


हम लगातार बोल रहे थे बलिया का डीएम, एसडीओ, सीओ और बीडीओ सब खूनी है। 6 सितंबर को इसे लेकर हम भूख हड़ताल और अनिश्चितकालीन धरना करने वाले थे। इसके लिए आवेदन दिया था लेकिन परमिशन नहीं दिया। मेरे साथ मिलीभगत से ऐसा किया गया है। मोहम्मद सैफी ने कहा कि आप जेल में डाल दो या फांसी पर चढ़ा दो लेकिन जनता की आवाज को हम बुलंद करते रहेंगे।  


क्या है मामला?

बीते शनिवार 31 अगस्त को बेगूसराय ब्लॉक में जनता दरबार खत्म कर बाहर निकले केंद्रीय मंत्री व स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह पर वार्ड पार्षद शहजादुज्जमा उर्फ सैफी ने हमला किया था। उनके ऊपर मुक्का चला दिया था और मुर्दाबाद के नारे भी लगाये थे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर हमला करने वाले मोहम्मद सैफी को 3 सितंबर को कोर्ट ने जमानत दे दी और 4 सितंबर को वो जेल से बाहर निकल गये। 


एसीजेएम अखिलेश कुमार की अदालत से सैफी को बेल मिला था। दो दिन पहले बेगूूसराय में जनता दरबार के दौरान बलिया नगर पंचायत में मोहम्मद सैफी ने गिरिराज सिंह पर हमला किया था। गिरिराज सिंह पर हमले के बाद मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मी काफी मशक्कत के बाद उन्हें भीड़ से निकालकर बाहर ले गये। वही हमलावर वार्ड पार्षद  सैफी को मौके से पुलिस ने पकड़ लिया था जिससे पूछताछ भी की गयी थी। 


इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि जनता दरबार खत्म होने के बाद जब वो गाड़ी की तरफ जा रहे थे तब मेरे साथ गलत व्यवहार किया गया। दुर्भाग्य यह है कि जिसने उन पर हमला किया उसे दाढ़ी है। दाढ़ी होने के कारण राहुल-अखिलेश और तेजस्वी यादव उसके तरफ से खड़े हो गये है लेकिन गिरिराज सिंह ऐसी चीजों से डरने वाला व्यक्ति नहीं है। जो भी साम्प्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ना चाहेगा उसके खिलाफ हमारी आवाज इसी तरह उठेगी।


बेगूसराय में जनता दरबार कार्यक्रम के दौरान अपने ऊपर हुए हमले के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह हाथ में त्रिशूल लिये नजर आए। गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपनी त्रिशूल वाली फोटो लगाया है। यह लिखा है कि त्रिशूल हमारा गौरव व स्वाभिमान है। हम-आपसब जब त्रिशूल की रक्षा करेंगे तो त्रिशूल से भी हमारी रक्षा होगी। धर्म के रक्षार्थ यह आवश्यक भी है और हमारा कर्तव्य भी है। इससे पहले के पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मैं गिरिराज हूँ और मैं हमेशा समाज के हितों के लिए बोलता रहूंगा,संघर्ष करता रहूंगा। इन हमलों से मैं डरने वाला नहीं।


उन्होंने आगे कहा कि दाढ़ी-टोपी देखकर उनको पुचकारने और सहलाने वाले लोग आज देख लें कि किस प्रकार बेगुसराय बिहार सहित पूरे देश में लेंड जिहाद-लव जिहाद और साम्प्रदायिक तनाव पैदा किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बेगूसराय में एक कार्यक्रम के दौरान अपने ऊपर हुए कथित हमले पर कहा, "इस चुनाव में बेगूसराय में मुसलमानों का मेरे प्रति जो रवैया रहा और जो नतीजे आए, उसके अनुसार योगी आदित्यनाथ ने सही कहा कि बटोगे तो कटोगे। 


अगर इस आदमी के हाथ में रिवॉल्वर होता तो जिस तरह से इसने हमला किया, उसी तरह से मुझे मार भी देता। इसने बहुत ही अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया... मैं अपना काम जारी रखूंगा, मैं अपने लक्ष्य से नहीं भटकूंगा, मैं किसी की धमकी से नहीं डरूंगा, मैं अपना अभियान जारी रखूंगा। चाहे कितने भी आतंक फैलाने वाले लोग आ जाएं, मुझ पर इसका कोई असर नहीं होगा... मेरे क्षेत्र में मुसलमानों ने इतना विरोध प्रदर्शन किया, उसी का नतीजा है कि इनकी इतनी हिम्मत आ गई कि जब मैं जनता दरबार में था, तो सारे SDO, DSP की मौजूदगी के बावजूद इसने इतनी बदतमीजी से पेश आया..."


बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री व सांसद गिरिराज सिंह पर हुए हमले को लेकर पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने बड़ा बयान दिया था। पप्पू यादव ने कहा था कि गिरिराज सिंह जैसी मानसिकता के नेताओं का जमकर विरोध होना चाहिए पर हिंसात्मक प्रतिरोध ठीक नहीं है। हालांकि, गिरिराज सिंह जैसे नेतागण सिर्फ़ ज़ुबानी विषवमन कर हर दिन हिंसा को बढ़ावा देते हैं, आज जो उनके साथ हुआ उसके ज़िम्मेदार वह ख़ुद हैं! उन्हें खुद दिल से पश्चाताप करना चाहिए!