PATNA: बिहार के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार की गंगा बहने औऱ उसका लिंक राजभवन से होने की बात सामने आने के बाद भी महामहिम के तेवर आसमान पर हैं. बिहार के राज्यपाल फागू चौहान आज केंद्र सरकार के बुलावे पर दिल्ली पहुंच गये हैं। वहां मीडिया ने उन्हें घेरा. राज्यपाल ने कहा-जो मुझ पर सवाल उठा रहे हैं उनसे ही जाकर जवाब मांगिये।
दरअसल राज्यपाल आज दिल्ली पहुंचे हैं. केंद्र सरकार ने उन्हें दिल्ली तलब किया है। सूत्रों से खबर मिल रही है कि बिहार सरकार ने राजभवन के कारनामों पर केंद्र सरकार के समक्ष गंभीर शिकायत दर्ज करायी है. इसके बाद ही राज्यपाल फागू चौहान को दिल्ली बुलाया गया है. बिहार सरकार को सूबे के ज्यादातर यूनिवर्सिटी में लूट-खसोट की खबर मिली है. निगरानी विभाग के छापे में ऐसे फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है जिससे बिहार सरकार दंग है. लेकिन राज्यपाल पर उसका कोई असर नहीं दिखा।
हम आपको बता दें कि कल यानि मंगलवार को बिहार के राजभवन में चांसलर अवार्ड समारोह में बेस्ट कुलपति के तौर पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेंद्र प्रसाद सिंह को अवार्ड दिया गया. राजभवन ने ये कारनामा ठीक उसी दिन किया जिस दिन सुरेंद्र प्रसाद सिंह के कारनामों के उजागर होने के बाद बिहार का उच्च शिक्षा जगत हतप्रभ था. मीडिया में सुरेंद्र प्रसाद सिंह के कारमानों की चर्चा हो रही थी लेकिन राजभवन ने तमाम आरोपों को दरकिनार कर सुरेंद्र प्रसाद सिंह का अवार्ड दे दिया।
बिहार सरकार ने बहिष्कार किया था
राजभवन के चांसलर अवार्ड समारोह में बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी औऱ शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को शामिल होना था. लेकिन राजभवन की करतूतों से सख्त नाराज बिहार सरकार ने इस समारोह का बहिष्कार कर दिया. अवार्ड समारोह में बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी या शिक्षा विभाग के पदाधिकारी शामिल नहीं हुए. लेकिन राजभवन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
बिहार के विश्वविद्यालयों में भारी भ्रष्टाचार की कहानिय़ां सामने आने औऱ उनका लिंक राजभवन से जुडने के बाद राज्यपाल की शिकायत दिल्ली दरबार में किये जाने की खबर है. हालांकि सरकारी स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं हो रही है लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार को बिहार के राज्यपाल के कारनामों की खबर दी है. इसमें मगध विश्वविद्यालय के वीसी राजेंद्र प्रसाद के काले कारनामों से लेकर मिथिला यूनिवर्सिटी के वीसी सुरेंद्र प्रसाद सिंह की करतूत और राजभवन से उनके लिंक की जानकारी दी गयी है. इसके बाद राज्यपाल को दिल्ली तलब किये जाने की खबर है. फागू चौहान बुधवार को दिल्ली पहुंच गये हैं.
हम आपको बता दें कि मंगलवार को जब मिथिला यूनिवर्सिटी के वीसी सुरेंद्र प्रसाद सिंह को राज्यपाल ने बेस्ट कुलपति का अवार्ड दिया उससे पहले सुरेंद्र प्रसाद सिंह के कारनामे जगजाहिर हो चुके थे. मामला पटना के मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय केVC प्रोफेसर कुद्दुस के पत्र से सामने आया. मो. कुद्दुस ने कुछ दिनों पहले तक उस यूनिवर्सिटी के प्रभारी वीसी रहे सुरेंद्र प्रसाद सिंह के कारनामों की पोल खोलते हुए CM नीतीश कुमार को पत्र लिख दिया है. सुरेंद्र प्रसाद सिंह फिलहाल ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के VC हैं लेकिन कुछ महीने पहले तक वे अरबी फारसी वि.वि. के भी प्रभारी कुलपति थे.
अरबी फारसी यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर कुद्दुस ने अपने पत्र में कहा है कि उन्हें 19 अगस्त 2021 को यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर के तौर पर पदभार ग्रहण करना था. वे जॉइन करने पहुंचे लेकिन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार मो हबीबुर रहमान ने उन्हें चार दिनों तक जॉइन करने से रोक दिया. इस बीच प्रभारी कुलपति सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने लाखों रूपये की हेराफेरी वाले कई फैसले किये. सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने लखनऊ की एक एजेंसी कोदोगुने दामों में आंसर शीट छापने के टेंडर दे दिया. पटना की एक खास एजेंसी के जरिए आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति में भी भारी घोटाला किया गया. यूनिवर्सिटी के दूसरे काम में लूट का खुला खेल चला. प्रो. कुद्दुस के पत्र के मुताबिक पहले उत्तर पुस्तिका की छपाई 7 रूपये प्रति कॉपी होती थी. सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने 16 रूपये प्रति कॉपी की दर से 1 लाख 60 हजार कॉपी छापने का आर्डर दे दिया. बाद में कॉपी छापने वाली एजेंसी ने 28 रूपये प्रति कॉपी की दर से बिल भेजा.
राजभवन से जुड़ा भ्रष्टाचार का लिंक
अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति मो. कुद्दुस ने अपने पत्र में लिखा है कि उन पर राजभवन के नाम पर इस भारी लूटपाट वाले बिल के भुगतान का दवाब बनाया जा रहा है. इस खेल में उनके साथ अतुल श्रीवास्तव नाम का एक व्यक्ति भी शामिल है. कुलपति ने उसके दो मोबाइल नंबरों का जिक्र करते हुए पत्र में लिखा है कि अतुल श्रीवास्तव राजभवन के नाम पर बिल का पेमेंट करने के लिए लगातार दबाव बना रहा है.
उससे पहले बिहार के जिस कुलपति के ठिकानों पर छापेमारी में 30 करोड़ की जालसाजी का खुलासा हुआ था उस पर राजभवन ने मेहरबानी दिखायी थी. बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों के आऱोपी और स्पेशल विजलेंस यूनिट की छापेमारी में बेनकाब हो चुके वीसी राजेंद्र प्रसाद को एक महीने का मेडिकल लीव दे दिया. हार की स्पेशल विजलेंस यूनिट ने 17 नवंबर को मगध विश्वविद्यालय के कुलपति रांजेद्र कुमार के ठिकानों पर छापेमारी की थी. गया, बोधगया से लेकर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में राजेंद्र कुमार के घर औऱ कार्यालय में छापा पड़ा था. वीसी के घर औऱ दफ्तर से करीब 2 करोड़ कैश के साथ साथ 1 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए थे.उसके बाद राजेंद्र प्रसाद को आकस्मिक अवकाश दे दिया गया था जो 23 नवंबर को खत्म हो रहा था. 23 नवंबर की शाम राजभवन की ओर से जानकारी दी गयी कि कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद को अब एक महीने का मेडिकल लीव दे दिया गया.
काले कारनामे पकड़े जाने के बाद भी वीसी बर्खास्त नहीं
मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र कुमार के काले कारनामों की लंबी फेहरिश्त उजागर होने के बावजूद राजभवन उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय छुट्टी दे रहा है. बिहार की स्पेशल विजिलेंस ने राजेंद्र प्रसाद के कई फर्जीवाड़े एक साथ पकड़े हैं. शिक्षा जगत के जानकार बताते हैं कि राजेंद्र कुमार गोरखपुर के रहने वाले हैं औऱ उन्हें खास तौर पर उत्तर प्रदेश से बुलाकर बिहार के मगध विश्वविद्यालय का वीसी बनाया गया था. वीसी के तौर पर उनकी नियुक्ति फागू चौहान ने ही की थी.