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एक बिहारी बीजेपी में पड़ेगा सब पर भारी, पटना में जन्मे जेपी नड्डा के हाथों में सबसे बड़ी पार्टी की कमान

1st Bihar Published by: Updated Mon, 20 Jan 2020 01:39:34 PM IST

एक बिहारी बीजेपी में पड़ेगा सब पर भारी, पटना में जन्मे जेपी नड्डा के हाथों में सबसे बड़ी पार्टी की कमान

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PATNA: भारतीय जनता पार्टी को आज नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल रहा है। जेपी नड्डा का निर्विरोध रूप से पार्टी अध्यक्ष चुना जाना तय है। विश्व की सबसे बड़ी पार्टी की कमान अब पटना के जन्मे एक शख्स के हाथ में होगी। हालांकि नड्डा बाद में हिमाचल प्रदेश चले गए लेकिन उन्हें बिहारी होने पर गर्व है। और तो और नड्डा के सामने अध्यक्ष पद की कमान संभलाते ही बिहार विधानसभा चुनाव की बड़ी चुनौती भी होगी।


जेपी नड्डा पीएम मोदी और अमित शाह के काफी करीबी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत छात्र नेता के तौर पर की थी और वह आरएसएस के काफी सक्रिय सदस्य रहे हैं। नड्डा को राज्य और केंद्रीय संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। नड्डा ने अपने राजनीतिक कैरियर की शरुआत भी बिहार से ही की थी। 16 साल की उम्र में  उन्होनें जेपी आंदोलन में हिस्सा लिया था। यहीं से नड्डा छात्र राजनीति कूद पड़े थे।


जेपी नड्डा ने पटना के सेंट जेवियर स्कूल और राममोहन राय सेमिनरी स्कूल में पढ़ाई की। सेंट जेवियर स्कूल से मैट्रिक पास करने के बाद उन्होनें  पटना कॉलेज से इंटर और ग्रेजुएशन किया। दरअसल हिमाचल प्रदेश में विलासपुर के मूल निवासी जेपी नड्डा के पिता एनएल नड्डा पटना विवि में कॉमर्स विभाग में टीचर थे। एलएन नड्डा यहां हेड ऑफ द डिपार्टमेंट और बाद में प्रिंसिपल भी हुए। उनके पिता 1980 के आसपास रिटायर्ड हुए और उनके हिमाचल लौटने के कारण जेपी नड्डा भी हिमाचल चले गए ।


बिहार से हिमाचल लौटने के बाद 1982 में जेपी नड्डा को हिमाचल प्रदेश में विद्यार्थी परिषद का प्रचारक बनाकर भेजा गया था।  वहां छात्रों के बीच नड्डा ने ऐसी लोकप्रियता हासिल कर ली थी कि उनके नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार एबीवीपी ने जीत हासिल की।1989 में जेपी नड्डा ABVP के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बने। 1991 में बीजेपी की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने।  1993 में वे हिमाचल प्रदेश से विधायक चुने गए और 1994 से लेकर 1998 तक राज्य विधानसभा में पार्टी के नेता रहे।  1998 में ही उन्हें स्वास्थ्य और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया। 2007 में उन्होंने एक बार फिर जीत हासिल की। इस बार उन्हें वन पर्यावरण मंत्री बनाया गया था।