बिहार में स्पीडी ट्रायल : 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को 6 महीने में फांसी की सजा

बिहार में स्पीडी ट्रायल : 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को 6 महीने में फांसी की सजा

GOPALAGANJ : बिहार में दुष्कर्म जैसे घिनौने अपराध के दोषियों को स्पीडी ट्रायल के जरिये जल्द से जल्द सजा दिलाने का काम तेजी से चल रहा है। गोपालगंज जिले में 9 साल के एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने महज 6 महीने में सुनवाई पूरी कर फांसी की सजा सुनाई है। 


गोपालगंज के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 6 सह पॉस्को एक्ट के विशेष न्यायाधीश बालेंद्र शुक्ला की कोर्ट ने पॉस्को एक्ट के 6 माह पुराने मामले में एक युवक को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद युवक को जेल भेज दिया गया। कोर्ट के फैसले की हर तरफ चर्चा हो रही है। 


दरअसल दुष्कर्म के आरोपी ने 25 अगस्त 2020 को सिधवलिया थाने के एक गांव की नौ वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। उसी गांव के रहने वाले जय किशोर साह ने अपने घर आकर उसके छोटे बच्चे के साथ खेल रही पीड़िता को उसने निशाना बनाया था। जयकिशोर ने रेप करने के बाद किशोरी की हत्या कर दी और शव को बक्से में बन्दकर छज्जा पर रख दरवाजे में ताला बंद कर फरार हो गया था। काफी छानबीन के बाद घर का ताला तोड़ने पर बच्ची का शव बरामद किया गया था। 


इस घटना के बाद स्थानीय सिधवलिया थाने में केस दर्ज किया गया था। थाने में कांड संख्या 187/2020 दर्ज किया गया था। पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट किया और इस मामले की सुनवाई एडीजे छह सह स्पेशल कोर्ट पॉस्को बालेन्द्र शुक्ला की कोर्ट में चल रही थी। अभियोजन पक्ष से स्पेशल पीपी पॉस्को दरोगा सिंह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता अबू शमीम अंसारी की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया था। स्पेशल पीपी ने बताया कि मामले में स्पीडी ट्रायल चलाकर आरोप गठन के बाद एक माह के अंदर सारी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए आरोपी को सजा दिलाई गई है। ऐसे मामलों में कोर्ट ने जल्द सजा देकर मिसाल पेश की है।