JAMUI : “जब थाना जाता हूं थानाध्यक्ष मुझे डांटकर भगा देते हैं. जब बाजार में घूमता तो ऐसा लगता है कि मैं क्या करूं, मैंने क्या गलती कर दी. न डीएसपी मेंरी बात सुनते हैं ना थानाध्यक्ष मेरी बात सुनते हैं. मेरे पास पैसे नहीं हैं, मैं कमजोर वर्ग से आता हूं. कहां से घूस खिलाऊंगा सबको. मेरे विपक्षियों ने मोटा घूस खिलाया है. ”
सोशल मीडिया पर जारी अपने वीडियो में यही शब्द बोलकर जमुई के झाझा के व्यापारी दीपक कुमार शर्मा ने जहर खा लिया. सल्फास की गोली खाने से पहले उसने 4 मिनट 52 सेकेंड का वीडियो बनाया. अपने साथ हुए जुल्म की सारी कहानी सुनायी और फिर कहा कि अब मरने के सिवा उसके पास कोई रास्ता नहीं है. सल्फास की गोली खाने के बाद दीपक की हालत बेहद चिंताजनक है और उसे अति गंभीर स्थिति में इलाज के लिए पटना ट्रांसफर किया गया है.
जहर खाने से पहले बनाये गये अपने वीडियो में व्यापारी दीपक कुमार शर्मा ने अपने साथ हुए नाइंसाफी, अपनी बेबसी और पीड़ा और नीतीश कुमार की पुलिस की नंगी सच्चाई को विस्तार से उजागर किया है. जहर खाने से पहले जारी वीडियो में दीपक वीडियो में कह रहा है
“दामोदर रावत की पैरवी है मेरे विपक्षियों के पास. दामोदर रावत ने हर जगह पैरवी करके मेरे सारे रास्ते बंद कर दिये हैं. ये तो सरासर गुंडागर्दी है प्रशासन की. किसी के जमीन पर घुस जायेंगे ताला तोड़ देंगे. मैं दौड-दौड़ कर काफी थक गया हूं अब मैं जिंदा नहीं रहना चाहता.”
दीपक कुमार शर्मा अपने वीडियो में दामोदर रावत का जिक्र कर रहे हैं. दामोदर रावत जेडीयू के नेता और पूर्व मंत्री हैं. दरअसल मामला जमुई जिले के झाझा में जमीन पर कब्जे का है. दीपक कुमार शर्मा ने अपने वीडियो में कहा है कि उनकी जमीन पर पास के ही रहने वाले रमा देवी शर्मा, मुन्ना गुप्ता और उनके रिश्तेदार जबरन घुस गये. उन लोगों ने ताला तोड़ कर जमीन पर कब्जा कर लिया. वहां बकायदा रूम बना लिया, दीवार बनाकर करकट के सहारे रूम भी बना लिया.
दीपक कुमार शर्मा के वीडियो के मुताबिक ये घटना 31 मई को हुई. उसके बाद लगातार 17 दिनों तक थाने से लेकर डीएसपी तक का चक्कर लगाते रहे लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया. दीपक शर्मा बार-बार पुलिस के पास अपने जमीन पर कब्जे की गुहार लगाते रहे लेकिन किसी ने कुछ नहीं सुना. वीडियो में दीपक शर्मा कह रहे हैं कि झाझा के डीएसपी भास्कर रंजन ने उनके कागजात को ही जाली करार दिया. थानेदार ने एक नहीं सुनी.
अपने वीडियो के अंत में दीपक कुमार शर्मा फूट-फूट कर रोने लगे.
“मैं काफी परेशान हो चुका हूं. मेरे बाद मेरे परिवार का पता नहीं क्या होग. जो होगा ईश्वर करेंगें. इन लोगों ने मुझे बहुत परेशान किया है. बहुत प्रताडित किया है. मेरा एप्लीकेशन नहीं लेते हैं, मुझे भगा देते हैं थाने से. ईश्वर मेरे परिवार की रक्षा करे.
दीपक कुमार शर्मा के परिजन कह रहे हैं इस वीडियो को जारी करने के बाद ही उन्होंने सल्फास की गोली खा ली. अपने वीडियो में वे आत्महत्या के लिए साफ तौर पर झाझा के डीएसपी भास्कर रंजन, थानेदार और जमीन पर कब्जा करने वालों को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं.
जमुई का ये वाकया दिल दहला देने वाला है. बिहार के मुख्यमंत्री और डीजीपी अपनी जिस पुलिस को हर रोज काबिलियत का तमगा दे रहे हैं, उसी के काले कारनामे को उजागर करने के लिए झाझा के एक युवा व्यापारी को जहर खाना पड़ा. झाझा के व्यवसायी दीपक कुमार शर्मा फिलहाल जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं लेकिन बिहार सरकार और पुलिस मुख्यालय ने अपने किसी मातहत पर कोई कार्रवाई नहीं की है.
क्या बोले झाझा के डीएसपी
इस मामले में सबसे गंभीर आरोप झाझा के डीएसपी भास्कर रंजन ने कहा कि दीपक कुमार शर्मा उनसे मिलने कभी नहीं आये. उनके जमीन को लेकर शिकायत मिली थी जिस पर पुलिस ने उचित कार्रवाई की थी. हमने बिहार पुलिस के एक आलाधिकारी से बात की. उन्होंने ऑफ द रिकार्ड बताया कि बिहार के किसी पुलिस अनुमंडल में डीएसपी की पोस्टिंग ऐसे-वैसे नहीं होती. उस पोस्टिंग के पीछे क्या क्या खेल होता है ये सर्वविदित है. इसलिए अगर कोई ये उम्मीद कर रहा हो कि दीपक कुमार शर्मा के वाकये के बाद भी डीएसपी पर कार्रवाई हो जायेगी तो ये आशावादिता कही जायेगी.