PATNA : बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर इन दिनों सियासत से गर्म है. नीति आयोग की रिपोर्ट में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को लेकर खुलासा होने के बाद विपक्ष के तेवर हमलावर हैं. तो वहीं सरकार इस मामले पर पल्ला झाड़ रही है. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आज डॉक्टरों के साथ डायलॉग कर रहे हैं. तेजस्वी यादव प्रदेश कार्यालय में चिकित्सा प्रकोष्ठ की तरफ से आयोजित डायलॉग में शामिल हो रहे हैं. इस दौरान डॉक्टरों से बातचीत कर रहे हैं और उनके सवालों का जवाब भी दे रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कोरोना काल के दौरान आरजेडी चिकित्सा प्रकोष्ठ की तरफ से किए गए कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि सत्ता में नहीं होने के बावजूद हमने जो काम किया वह अभूतपूर्व है. चिकित्सा प्रकोष्ठ ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. केशव यादव ने कहा कि आज जब हम विकास को लेकर सवाल पूछते हैं तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतिहास की बात करने लगते हैं. लोग इतिहास में जी रहे हैं और हम वर्तमान में बदहाल स्थिति को लेकर चिंतित है. तेजस्वी ने कहा कि नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट यह बता रही है कि वर्तमान स्थिति में किस तरह स्वास्थ्य सेवा बदहाल है.
तेजस्वी ने कहा कि कोरोना काल के समय सरकार के पास एक साल का समय था लेकिन सरकार ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के लिए कोई काम नहीं किया. राज्य में कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों की संख्या काफी कम रही. जिसके बाद उन्होंने खुद अपने सरकारी आवास पर डॉक्टरों, बेड, दवा सहित सभी जरूरी सुविधाएं लोगों के लिए मुहैया कराई. पार्टी के विधायकों ने भी कोरोना के दौर में लोगों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी.
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में डॉक्टरों और नर्सों के कई पद खाली हैं. लेकिन उन पदों पर अबतक बहाली नहीं की गई है. सरकार ने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था लेकिन अबतक उस वादे का कुछ अता-पता नहीं है. बिहार में शिक्षा व्यवस्था का भी यही हाल है. कॉलेज में टीचर ही नहीं हैं पढ़ाने के लिए, ऐसे में युवाओं को काफी परेशानी हो रही है.