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‘किसी माई के लाल में दम नहीं जो हमारे रहते..’ दो घंटे की नमाज ब्रेक पर रोक पर बरसे तेजस्वी, पूछा- असम के मुख्यमंत्री हैं कौन?

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 30 Aug 2024 05:23:26 PM IST

‘किसी माई के लाल में दम नहीं जो हमारे रहते..’ दो घंटे की नमाज ब्रेक पर रोक पर बरसे तेजस्वी, पूछा- असम के मुख्यमंत्री हैं कौन?

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PATNA: असम विधानसभा में दो घंटे की नमाज ब्रेक पर रोक लगाए जाने के बाद इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं और बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है। तेजस्वी ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह मुसलमानों को टारगेट कर रही है।


दरअसल, असम में विधानसभा अध्यक्ष ने बड़ा फैसला लेते हुए विधानसभा में जुमे की नमाज के लिए दो घंटे की ब्रेक पर रोक लगा दिया है। इस फैसले के बाद अब विधानसभा के मुस्लिम कर्मचारियों को जुमे की नमाज के लिए दो घंटे का ब्रेक नहीं मिलेगा। 12 बजे से दो बजे तक का ब्रेक दिया जाता था। इस दो घंटे के भीतर विधानसभा में पदस्थापित सरकारी कर्मचारी जुमे की नमाज अता करते थे लेकिन अब इस पुरानी प्रथा को खत्म कर दिया गया है। जिसको लेकर सियासत गरमाने लगी है।


सीएम सरमा और बीजेपी पर हमला बोलते हुए तेजस्वी ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह का काम करते हैं। बीजेपी के लोगों ने मुसलमानों को सॉफ्ट टारगेट बना लिया है। कभी वक्फ बोर्ड का बिल आ जाता है तो कही सीएए और एनआरसी लाया जाता है। किसी न किसी प्रकार से बीजेपी के लोग अस्पसंख्यकों को तंग करना चाहते हैं और समाज में नफरत फैलाना चाह रहे हैं।


उन्होंने कहा कि इन लोगों को पता होना चाहिए कि देश की आजादी में सभी लोगों की कुर्बानी रही है। मुसलमान भाइयों ने भी देश की आजादी में कुर्बानी दी है, इसको दरकिनार नहीं किया जा सकता है। इस देश में संविधान के अनुसार सभी को इसकी इजाजत है और हर धर्म को समानता का अधिकार है। 


तेजस्वी ने कहा कि यहीं बीजेपी का एक एमएलए या मंत्री बंदर की तरह विधानसभा मे कूद रहा था और बोलता था कि मुसलमानों से वोटिंग का अधिकार छीन लेंगे। हम एक बार खड़ा हुए और ठंडा दिए तो उसके बाद से कोई खड़ा हुआ है क्या? बीजेपी के लोग इसी तरीके का काम करते रहते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्यों चुप हैं? हम लोगों के रहते कोई माई का लाल नहीं है जो मुसलमानों का अधिकार छीन सके।