PATNA : दिवाली की रात पटना में जबरदस्त आतिशबाजी देखने को मिली थी। इस आतिशबाजी का असर अब पटना की हवा पर दिखने लगा है। पटना में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद जहरीले लेवल तक पहुंच चुका है। साल 2015 के बाद राजधानी पटना में सबसे ज्यादा आतिशबाजी इस साल देखने को मिली। नतीजा सामने है पटना की हवा भी खराब हो चुकी है। पटना के अलावे मुजफ्फरपुर और अन्य दूसरे शहरों में भी वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश एनजीटी की एडवाइजरी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेकर जिला प्रशासन तक इस तरफ से की गई तमाम कवायद बेकार साबित हुई है। पटनावासियों ने पिछले 6 साल में सबसे ज्यादा आतिशबाजी की। साल 2015 के बाद सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं। नतीजा यह हुआ है कि हवा में मोटे धूल कण की तादात प्रति घन मीटर 1688 माइक्रोग्राम तक जा पहुंची है जबकि इसके पहले हवा में इसका असर एक 1134 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।
पटना में हवा खराब होने का असर अब दिखने लगा है। धूलकण के साथ सल्फरडाइऑक्साइड की मात्रा में सामान्य बढ़ोतरी हुई है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की मात्रा मानक के मुताबिक ही रहा। एक्सपर्ट के मुताबिक महीन धूलकण सांस लेने योग्य धूलकण होता है। यह स्तर सेहत के लिए भी नुकसानदेह है।