धारा 370 हटने के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव, फर्स्ट फेज में महबूबा की बेटी इल्तिजा समेत इन कैंडिडेट के लिए आज होगी वोटिंग

धारा 370 हटने के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव, फर्स्ट फेज में महबूबा की बेटी इल्तिजा समेत इन कैंडिडेट के लिए आज होगी वोटिंग

DESK : जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान आज है। मतदान सुबह सात बजे से लेकर शाम छह बजे तक होगा। पहले चरण में सात जिलों की 24 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हो रहा है। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से जम्मू कश्मीर में पहला विधानसभा चुनाव है। वहीं किश्तवाड़ और जगती के एक मतदान केंद्र पर तैयारियां जारी हैं।


जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के एक मतदान केंद्र पर तैयारियां जारी हैं। पीठासीन अधिकारी आशुक्ता शाहीन ने कहा कि हमारा मॉक पोलिंग अच्छा चल रहा है। यहां सारी तैयारियां अच्छे से की गई हैं, यहां मतदान आराम से हो सकता है। जम्मू-कश्मीर के जगती में मतदान केंद्र पर तैयारियां जारी हैं। जगती के मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि हमारी तैयारियां बहुत अच्छी हैं। लोगों के लिए पानी और बैठने जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। लोग बहुत उत्साहित हैं, हमारी लोगों से अपील है कि वे बड़ी संख्या में आएं और मतदान करें।


वहीं, फर्स्ट फेज की 24 में से 8 सीटें जम्मू डिवीजन और 16 सीटें कश्मीर घाटी में हैं। सबसे ज्यादा 7 सीटें अनंतनाग और सबसे कम 2-2 सीटें शोपियां और रामबन जिले की हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, पहले फेज में 219 कैंडिडेट्स मैदान में हैं। इनमें 9 महिलाएं और 92 निर्दलीय उम्मीदवार हैं। 110 कैंडिडेट्स करोड़पति हैं जबकि 36 पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं।


इस फेज में मुफ्ती परिवार का गढ़ रही बिजबेहरा सीट भी है। यहां PDP चीफ महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। महबूबा और उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद CM रह चुके हैं। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन फेज में वोटिंग होगी। नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।


आपको बताते चलें कि, जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 2014 चुनाव में PDP ने सबसे ज्यादा 28 और भाजपा ने 25 सीटें जीती थीं। दोनों पार्टियों ने मिलकर सरकार बनाई थी। आखिरी बार 2014 में 87 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुआ था, जिसमें 4 सीटें लद्दाख की थीं। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद 7 विधानसभा सीटें बढ़ीं। इसलिए इस बार 90 सीटों पर चुनाव होगा। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में से 74 जनरल, 7 एससी और 9 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं।