ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार के इस शहर के लिए रांची से हवाई सेवा शुरू, सप्ताह में तीन दिन होगी उड़ान लुधियाना में सीतामढ़ी की बेटी की दर्दनाक मौत, शादी के दबाव में आकर केमिकल टैंक में कूदकर दी जान सीतामढ़ी में एटीएम बदलकर ठगी करने वाला गिरोह बेनकाब, तीन साइबर फ्रॉड गिरफ्तार चुनाव से पूर्व मोतिहारी में बड़ी कार्रवाई: मुखिया पति कमरुद्दीन मियां के घर से हथियार और लग्जरी गाड़ियां बरामद Bihar Police News: बिहार के इस जिले में पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, तीन नए थानाध्यक्षों की हुई तैनाती; दो लाइन हाजिर Bihar News: बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज पहुंचीं गयाजी, विष्णुपद मंदिर में मां सुषमा स्वराज का किया पिंडदान Bihar News: बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज पहुंचीं गयाजी, विष्णुपद मंदिर में मां सुषमा स्वराज का किया पिंडदान Bihar Police Modernization: आधुनिक हथियारों से लैस होगी बिहार पुलिस, केंद्र सरकार ने जारी किए इतने करोड़; अपराधियों की अब खैर नहीं Bihar Police Modernization: आधुनिक हथियारों से लैस होगी बिहार पुलिस, केंद्र सरकार ने जारी किए इतने करोड़; अपराधियों की अब खैर नहीं बिहार में बकरी के लिए चली गोली, युवक की मौत, सौतेले भाई ने दिया घटना को अंजाम

दारोगा पर लगा 75 हजार का जुर्माना, हाईकोर्ट ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर जताई नाराजगी

1st Bihar Published by: DEV KUMAR PANDEY Updated Thu, 24 Oct 2019 07:12:53 PM IST

दारोगा पर लगा 75 हजार का जुर्माना, हाईकोर्ट ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर जताई नाराजगी

- फ़ोटो

PATNA : कोर्ट में गलत रिपोर्ट देने को लेकर दरभंगा सदर थाना के दारोगा को कोर्ट से जोरदार झटका लगा है. हाईकोर्ट ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए एएसआई के ऊपर 75 हजार का जुर्माना लगाया है. शराब बरामद होने की बात कह कर मारुति स्विफ्ट कार को जप्त करने और कोर्ट में गलत रिपोर्ट देने वाले दरभंगा सदर थाना के दारोगा के ऊपर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है. 


निचली अदालत में गलत रिपोर्ट देने वाले इस पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ कानूनी करवाई करने का निर्देश हाई कोर्ट ने दिया है. कोर्ट ने दरभंगा पुलिस कप्तान को दोषी दारोगा के ऊपर विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति  राकेश कुमार और न्यायमूर्ति अंजनी शरण की खंडपीठ ने शोभा देवी की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. 


कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ओम प्रकाश ने बताया कि दिसंबर 2018 में दरभंगा सदर थाने की पुलिस ने याचिकाकर्ता की गाड़ी को यह कह कर जप्त कर लिया कि उनकी गाड़ी में शराब है. गाड़ी को जब्त कर सदर थाना में रखा गया था. याचिकाकर्ता ने इस गाड़ी को छुड़ाने के लिए दरभंगा के एक्सआइज स्पेशल कोर्ट में अर्ज़ी दी थी. स्पेशल कोर्ट ने उक्त अर्ज़ी को सुनकर  पुलिस से रिपोर्ट तलब किया था. लेकिन पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उक्त गाड़ी की जब्ती के बाद उसका राज्यसात  (कॉंफिसकेट ) करने हेतु  जिलाधिकारी के पास मामले को भेज दिया गया है.


जिलाधिकारी के यहां से  5 महीने तक कोई रिपोर्ट नहीं  मिलने पर  याचिकाकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत इसकी जानकारी मांगी. जिलाधिकारी के यहां से  यह सूचना दी गई कि उसकी गाड़ी जब्ती से संबंधित सदर थाना से  कोई भी रिपोर्ट जिलाधिकारी को तब तक नहीं भेजा गया था.  उसके बाद याचिकाकर्ता इस मामले को हाईकोर्ट में लेकर आई. इस मामले में अदालत को गुमराह करने और गलत रिपोर्ट देकर गाड़ी को थाने में 10 महीने तक रखे जाने पर पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त  करते हुए हाई कोर्ट ने दारोगा के ऊपर कार्रवाई का आदेश दिया है.