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1st Bihar Published by: HARERAM DAS Updated Sat, 21 Sep 2024 07:24:00 PM IST
BEGUSARAI: दहेज में बाइक नहीं मिलने पर पत्नी को प्रताड़ित किये जाने के मामले में बेगूसराय कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है। पीड़िता के पति,सास सहित 3 लोगों को 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी है। इन तीनों पर बाइक के लिए विवाहिता की हत्या की कोशिश करने का आरोप है। पीड़िता को पहले गले में फांसी लगाकर हत्या करने का प्रयास किया फिर असफल होने पर उसे छत से फेंक दिया गया। जिसके कारण पैर-हाथ सहित कमर की हड्डी टूट गयी।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आनंद कुमार सिंह की अदालत ने आज इस मामले पर फैसला सुनाया। सजा पाने वाले आरोपितों में मुफ्फसुलि थाना क्षेत्र के सांख तरैया मुबारकपुर निवासी पीड़िता के पति मोहम्मद शिबू, सास चुन्नी खातून और मोहम्मद लाडो शामिल हैं। पीड़िता असगरी खातून ने कोर्ट को बताया किया 28 अप्रैल 2021 को मुफ्फस्सिल थाना इलाके के सांख तरैया मुबारकपुर निवासी मोहम्मद शिबू के साथ निकाह हुई थी। निकाह के बाद पति मोहम्मद शिबू ,सास चुन्नी खातून और मो.लाडो ने एक अपाची मोटरसाइकिल के लिए उसे प्रताड़ित करने लगे। 14 अक्टूबर 2022 की सुबह 5 बजे सभी ने मिलकर असगरी खातून को छत से नीचे फेंक दिया। जिसमें असगरी खातून के दोनों पैर और कमर की हड्डी टूट गई। इस घटना से पूर्व 13 अक्टूबर 2022 को सभी आरोपित ने मिलकर असगरी खातून के गले में फांसी लगाकर हत्या करने की कोशिश की थी।
अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक राजकुमार महतो और रामप्रकाश यादव ने कुल छह गवाहों की गवाही कराई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आनंद कुमार सिंह की अदालत ने तीनों आरोपित को भारतीय दंड विधान की धारा 307 में 10 साल सश्रम कारावास और 20 हजार अर्थदंड एवं धारा 341 में एक महीना और 5 सौ अर्थदंड एवं धारा 323 मे एक साल और एक हजार अर्थदंड,धारा 337 में 6 महीना और 500 अर्थदंड,338 धारा में 2 साल और 1000 अर्थदंड एवं दहेज उत्पीड़न अधिनियम की धारा 3 में 5 साल सश्रम कारावास एवं 15 हजार अर्थदंड एवं दहेज उत्पीड़न अधिनियम की धारा 4 में दोषी पाकर 2 साल एवं 5000 अर्थ दंड की सजा सुनाई। घटना की प्राथमिकी सूचिका असगरी खातून ने मुफस्सिल थाना कांड संख्या 614 /2022 के तहत दर्ज कराई थी। बता दें कि सूचिका असगरी खातून का पति आरोपित मोहम्मद शिबू 6 मई 2023 से लगातार जेल में बंद है। फिलहाल सजा मिलने के बाद तीनों आरोपित जेल में बंद है और अपने किये कर्मों की सजा भुगत रहे हैं।