PATNA: लोगों को ठगने के लिए 28 पन्नोंं का मोबाइल नंबर पकड़े जाने के एक मामले में पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए शिव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा इन दिनों साइबर क्राइम के मामले बढ़ रहे हैं। अपराधी आमलोगों को फ़ोन करके उनसे बैंक का डिटेल्स लेकर ठगने का काम कर रहे हैं। शिव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संदीप कुमार ने याचिकाकर्ता को एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया।
आत्मसमर्पण नहीं करने की स्थिति में नवादा के एसपी को याचिकाकर्ता समेत सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश कोर्ट ने दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में नवादा के एसपी को केस के आईओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा है। कोर्ट ने पूछा कि आखिर इस मामले के अभियुक्तों की गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हुई जबकि मामला 2020 का है।
कोर्ट ने एसपी से यह जानकारी मांगी कि आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर अबतक क्या कार्रवाई की गयी है। क्यों नहीं इनकी गिरफ्तारी हुई। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि इस तरह के अपराध वारिसलीगंज पुलिस थाना क्षेत्र में फैला हुआ है। कोर्ट नवादा को दूसरा जामताड़ा बनने की अनुमति नहीं देगा।
आदेश का अनुपालन को लेकर इस आदेश की प्रति को नवादा के एसपी को फैक्स के जरिये भेजने का आदेश कोर्ट ने दिया है। कोर्ट के आदेश का अनुपालन रिपोर्ट नवादा के पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत शपथ पत्र के साथ पेश करने को कहा गया है।
मामला वारीसलिगंज थाना कांड संख्या 163 / 2020 से जुड़ा हुआ है जिसमें आईपीसी की धारा 419/ 420 व आईटी एक्ट की धारा 66( बी) के तहत केस दर्ज किया गया था। याचिकाकर्ता के पास से कथित तौर पर 28 पृष्टों में आम लोगों को ठगने के लिए मोबाइल फ़ोन नंबर पाये गये थे। इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।