DEHRADUN: डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड के दोषी बाहुबली आनंद मोहन को भले ही बिहार सरकार ने जेल से रिहा कर दिया है, लेकिन अब कोर्ट का खतरा सर पर है. आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ स्व. जी.कृष्णैया की पत्नी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी हैं तो पटना हाईकोर्ट में भी याचिका दायर हो चुकी है. इसी बीच आनंद मोहन के विधायक बेटे चेतन आनंद की शादी होनी है. 3 मई को देहरादून में चेतन आनंद की शादी होनी है और आनंद मोहन परिवार ने इस शादी को लेकर बड़ा फैसला ले लिया है।
शादी को लेकर हुआ ये फैसला
आनंद मोहन परिवार से जुड़े सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक चेतन आनंद की शादी का वेन्यू बदल दिया गया है. देहरादून के जिस वैक्वेंट हॉल में पहले से शादी होनी तय थी, अब वहां शादी नहीं होगी. शादी के लिए दूसरा वेन्यू तय कर लिया गया है. दरअसल आनंद मोहन परिवार अब मीडिया से दूर रहना चाह रहा है. उन्हें लग रहा है कि पावर से लेकर शानो-शौकत की जितनी कहानियां सामने आयेंगी, कोर्ट में उतनी ही मुश्किलें पेश होंगी. लिहाजा चेतन आनंद की शादी को मीडिया से दूर रखने की तैयारी कर ली गयी है।
कहां गायब है आनंद मोहन का परिवार?
27 मई को आनंद मोहन की जेल से रिहाई हुई थी. उसी दिन वे सहरसा से रवाना हुए थे. तब तक की तस्वीरें और वीडियो सामने आयी. लेकिन उसके बाद से आनंद मोहन का पूरा परिवार मीडिया की पहुंच से बाहर है. 27 मई को ही आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने कहा था कि शादी के लिए परिवार बिहार से बाहर जा रहा है. तब ये कहा गया कि आनंद मोहन अपने परिवार के साथ देहरादून पहुंच गये हैं. लेकिन देहरादून में आनंद मोहन परिवार नजर नहीं आ रहा है।
देहरादून के क्रॉस रोड पर आनंद मोहन की आलीशान कोठी है. इस कोठी पर पिछले दो दिनों से मीडिया की टीम पहुंच रही है. लेकिन आनंद मोहन परिवार वहां नहीं मिल रहा है. वहां बताया जा रहा है कि आनंद मोहन और उनका परिवार 30 अप्रैल को पहुंचेगा. लेकिन पूरा परिवार बिहार से गायब है. सवाल ये उठ रहा है कि पूरा कुनबा है कहां।
क्यों डरे हैं आनंद मोहन?
दरअसल आनंद मोहन को कोर्ट का डर सता रहा है. बिहार सरकार ने भले ही उनकी रिहाई का आदेश जारी कर दिया लेकिन उनके खिलाफ ऐसी कई बातें हैं जो कोर्ट में उठ सकती हैं. बिहार सरकार ने कहा कि आनंद मोहन का जेल में आचरण अच्छा था इसलिए रिहा किया गया. लेकिन जेल में रहते हुए ही आनंद मोहन ने कई कारनामों को अंजाम दिया.
खुद बिहार सरकार ने उनके खिलाफ कई मुकदमे किये. उन पर जेल में रहते हुए कोर्ट में पेशी के नाम पर अपने घर चले जाने, समर्थकों के साथ बैठक करने और सरकारी सर्किट हाउस में रहने का भी आरोप है. बिहार सरकार की जांच में ये आरोप साबित हो चुका है. वहीं आनंद मोहन 40 से ज्यादा संगीन मामलों के आऱोपी रह चुके हैं. ये सारे तथ्य उनके लिए मुसीबत का बड़ा कारण बन सकता है.