DESK : पूरे भारत में जारी लॉकडाउन के बीच जहां लोगों को खाने-पीने का सामान मिलने पर आफत है, वहीं एक चिकित्सक ने मरीज के प्रेसकिप्शन पर दारू लेने की सलाह देकर भारी विवाद खडा कर दिया है. मेडिकल पेशे से जुड़े लोगों ने ही डॉक्टर के प्रेसकिप्शन को इस पवित्र पेशे का अपमान करार दिया है.
मेघालय में हुआ है मामला
मरीज को दारू लेने की सलाह देने वाला मामला मेघालय में हुआ है. हैरानी की बात ये भी है कि ये सलाह दांतों के डॉक्टर ने दिया है. शिलांग के धानकेती इलाके में दांतों का अस्पताल चलाने वाले डॉक्टर बी पुरकायस्था ने अपने एक मरीज को दो बोतल शराब लेने को लिखा है. 65 साल का एक मरीज कल डॉक्टर के पास अपना इलाज कराने आया था. डॉक्टर ने बकायदा प्रेसकिप्शन पर दारू पीने की सलाह दे डाली.
पूर्जे पर लिखा-तीन पैग से ज्यादा मत लेना
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक डॉक्टर ने मरीज को दो बोतल शराब देने की सलाह दी है. वहीं पूर्जे पर लिखा है कि हर दिन तीन पैग से ज्यादा शराब नहीं लेना है. मरीज को शराब लेने की सलाह देने वाले डॉक्टर बी पुरकायस्था ने मरीज को ये सलाह देने का कारण भी बताया है. डॉक्टर के मुताबिक उनका मरीज शराब लेने का आदि था. लॉकडाउन के कारण शराब नहीं मिल रही है. लिहाज मरीज को नींद नही आ रही है. उसे कई और परेशानियां हो रही है. लिहाजा उन्होंने मरीज को शराब लेने की सलाह दी है.
सरकार के फरमान के कारण हुआ है विवाद
दरअसल देश भर में लॉकडाउन के बाद दो राज्यों की सरकार ने शराबियों के लिए खास आदेश निकाला था. केरल और मेघालय सरकार ने आदेश निकाला था कि डॉक्टर अगर सलाह दे तो किसी व्यक्ति को शराब की होम डिलेवरी होगी. हालांकि मेघालय सरकार ने दो दिन पहले ही अपने आदेश को वापस ले लिया है. लेकिन डॉक्टर ने आदेश वापसी के बाद भी मरीज को शराब देने की सलाह दे दी.
वैसे लॉकडाउन के दौरान शऱाब की बिक्री को लेकर देश के कई राज्यों में बखेड़ा हुआ है. हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में लॉकडाउन के कई दिनों बाद तक भी शराब की दुकानें खुली थी. शराब की बिक्री पर सरकार की क़ड़ी आलोचना हुई. बाद में राज्य सरकारों को को खास तौर पर आदेश निकाल कर शराब की दुकानों को बंद कराना प़ड़ा.
शिलांग के डॉक्टर के प्रेसकिप्शन पर मेडिकल क्षेत्र में बड़ा बखेड़ा हो गया है. डॉक्टरों का कहना है कि कोई चिकित्सक किसी सूरत में अपने मरीज को शराब पीने की सलाह नहीं दे सकता है. ऐसे में शराब से उपचार करने वाले डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाना चाहिये. वहीं शिलांग में शराब का एक पुनर्वास केंद्र चलाने वालों ने डॉक्टर पुरकायस्था का समर्थन किया है. पुनर्वास केंद्र संचालकों का कहना है कि मरीज की जान बचाने के लिए सीमित मात्रा में शराब पीने की सलाह देना कहीं से गलत नहीं है.
बीजेपी ने कर दी है मेघालय में शराब की बिक्री करने की मांग
मजेदार बात ये है कि मेघालय में बीजेपी मांग कर रही है कि लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री होनी चाहिये. मेघालय बीजेपी के अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने मुख्यमंत्री कोर्नाड के संगमा को पत्र लिखा है, जिसमें शराब की दुकानों को खोलने की मांग की गयी है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि शराब मेघालय के लोगों के जीने का माध्यम बन गया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष शराब दुकानदारों के संघ के सचिव भी हैं.