SARAN : एक तरफ कोरोना संकट की इस घड़ी में पूरा देश इससे लड़ाई लड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार में कोरोना को लेकर एक अंधविश्वास तेजी से फैल रहा है. महिलाएं अब कोरोना से बचने के लिए कोरोना देवी की पूजा कर रहीं हैं. इस दौरान न तो सोशल डिस्टेंस का ख्याल रख रहीं हैं न ही मास्क का उपयोग कर रही हैं. दरसल कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक महिला बता रही है कि कोरोना कोई वायरस नहीं बल्कि देवी का एक रुप है. इतना ही नहीं महिला कहती है कि यदि हम कोरोना देवी की पूजा करेंगे तो देवी खुश होकर लौट जाएंगी और इनका प्रकोप कम हो जाएगा. महिला कोरोना देवी की कहानी भी सुनाती है और पूजा करने की पूरी प्रक्रिया भी बताती है.
जिसके बाद से छपरा, गोपालगंज से महिलाओं की कोरोना देवी की पूजा करते तस्वीरें सामने आ रही है. महिलाएं नौ लौंग, नौ लड्डु, नौ उड़हल के फूल से कोरोना माई की पूजा कर रही हैं. छपरा के गोदना गढ़देवी मां के मंदिर परिसर और गोपालगंज के हथुआ इलाके के कुछ गांवों में सोमवार को महिलाओं को पूजा करते देखा गया. महिलाओं ने पहले एक फीट गड्डा खोदा और उसमें नौ जगह सिंदूर लगाया और फिर नौ लड्डु, नौ लाौंग, नौ उड़हुल के फूल को उसमें डाल दिया. फिर गड्ढे को मिट्टी से भर दिया.
इस बारे में पूछने पर महिलाओं ने बताया कि वे कोरोना माई की पूजा कर रहीं थी. महिलाओं ने बताया कि मोबाइल पर एक वीडियो आया था जिसमें बताया गया कि खेत में दो महिलाएं घास काट रही थीं. वहीं, बगल में एक गाय घास चर रही थी. कुछ देर बाद गाय महिला बन गई. जिसके बाद उसे देखकर घास काट रही महिलाएं डर से भागने लगीं. तब गाय से महिला बनी औरत ने कहा कि आप लोग डरो मत. हम कोरोना माता हैं. अभी हम नाराज हैं जिसका ही प्रकोप आजकल कोरोना के रुप में देखा जा रहा है. देश में मेरा प्रचार- प्रसार करो और सोमवार व शुक्रवार को पूजा करो. इससे हम खुश होकर चले जाएंगे. वहीं वीडियो में महिला यह भी कहती है कि यदि कोई इसे मजाक में लेता है और हमपर हंसता है तो उसे इसका बुरा अंजाम भुगतना होगा. इस वीडियों के वायरल होने के बाद महिलाएं सोमवार की सुबह से ही पूजा करती दिखीं.