DESK : अस्पताल में चोरी करने गये चोर ने कोरोना की वैक्सीन ही चुरा ली. लेकिन बाद में उसे अपनी गलती का अहसास हुआ. लिहाजा वह जोखिम उठाकर थाना पहुंचा. वैक्सीन को थाने के बाहर एक पर्ची के साथ छोड गया. पर्ची में लिखा-सॉरी, पता नहीं था कि कोरोना की दवाई है.
हरियाणा के जींद का वाकया
ये वाकया हरियाणा के जींद जिले का है. जींद के सिविल लाइन थाने के बाहर बने खोखे में चल रही चाय की दुकान पर एक नकाबपोश बाइकसवार आया. उसने खोखे वाले को एक पोटली दी कहा कि इसमें थाने के मुंशी जी का खाना है. खोखे में चाय बेचने वाला इसे मुंशी जी के पास पहुंचा दे. चायवाला जब पोटली लेकर थाने के भीतर पहुंचा तो मुंशी जी हैरान रह गये. उन्होंने तो किसी से खाना मंगवाया ही नहीं था.
परेशान मुंशी और थाने के दूसरे पुलिसकर्मियों ने पोटली खोली. तब उन्होंने पाया कि उसमें कोरोना वैक्सीन थी. उसके साथ पर्ची थी जिसमें चोर ने सॉरी लिखा था. उसने लिखा था-सॉरी पता नहीं था कोरोना की दवाई है. उसके बाद पुलिसकर्मियों को मामला समझ में आया.
अस्पताल से चोरी हुए थे वैक्सीन
दरअसल जींद के नागरिक अस्पताल के पीपी सेंटर से बुधवार की रात कोरोना वैक्सीन औऱ कई फाइलें चोरी कर ली गयी थीं. चोरी हुई वैक्सीन डोज की कीमत करीब ढाई लाख रुपये बताई गई थी. जींद के नागरिक सामान्य अस्पताल के पीपी सेंटर में बुधवार की शाम कोरोना की 1710 डोज को फ्रिज में रखा गया था. आधी रात को दो चोरों ने सेंटर के तालों को तोड़ कर वैक्सीन चुरा ली. चोरों ने वैक्सीन के साथ ही दूसरे कमरे में रखी इंक्वायरी फाइलें भी चुरायी. घटना का पता तब चला जब गुरूवार की सुबह अस्पताल के कर्मचारी वहां पहुंचे. बाद में अस्पताल में लगी सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को देखा गया तो पता चला कि ये कारस्तानी दो नकाबपोश चोरों का है.
चोरों का पता लगाने में लगी पुलिस
हालांकि सिविल लाइन थाने की पुलिस चोरों का पता लगाने में लगी है. पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि चोर की पहचान की जा सके. स्थानीय डीएसपी जितेंद्र खटकर ने बताया कि दिन के लगभग साढ़े बारह बजे एक अज्ञात व्यक्ति चाय की दुकान पर आया औऱ चाय की दुकान चलाने वाले बुजुर्ग को पोटली दिये. इस पोटली से कोरोना वैक्सीन के 1710 वॉयल मिले हैं. पुलिस मामले की छानबीन करने में लगी है.
बर्बाद हो गये वैक्सीन
चोर ने भले ही वैक्सीन वापस कर दिया हो लेकिन वह किसी काम का नहीं रहा. जींद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि चोरी हुई वैक्सीन में 1270 कोविशील्ड और 440 कोवैक्सीन हैं। उन्होंने बताया कि टैम्प्रेचर टूटने के बाद वैक्सीन खराब हो जाती है. जाहिर है ऐसे में चोर ने भले ही वैक्सीन लौटा दिये हों लेकिन वे किसी काम के नहीं रहे.
फाइलें नहीं मिली
दिलचस्प बात ये भी है कि चोरों ने अस्पताल से कोरोना वैक्सीन के साथ साथ फाइलें भी चुरायी थीं. उनका कोई अता पता नहीं है. हैरानी की बात ये भी है चोरों ने कोरोना वैक्सीन और सरकारी फाइलों के अलावा किसी चीज को नहीं छेड़ा था. उसी पीपी सेंटर में दवाईयों का स्टोर भी है. लेकिन चोरों ने वहां से कुछ नहीं चुराया. वहां 50 हजार रूपये भी रखे थे उसे भी नहीं छुआ. पुलिस सारे मामले की जांच कर रही है.