PATNA : राजधानी पटना में लॉकडाउन ने वो कमाल कर दिखाया है जो पटना पुलिस आज तक कर पाने में असफल दिख रही थी। लॉकडाउन के दौरान पटना में अपराध का ग्राफ लगभग शून्य की ओर पहुंच गया है। कोरोना की आफत के बीच पटना वालों को क्रिमिनल से राहत मिली है। हालांकि इस दौरान घर में होने वाले छोटे-मोटे विवाद जरूर बढ़ गये हैं।
लॉकडाउन में पटना में हत्या, लूट, डकैती और रेप जैसे जघन्य अपराध बिल्कुल थम गये हैं। पिछले लगभग एक सप्ताह से पटना पुलिस अपराधियों के पीछे भागने के बजाए कोरोना संदिग्धों के पीछे भाग रही है। पुलिस जरूरतमंदों के बीच खाना बांट रही है। जरूरतमंदों को मदद पहुंचा रही है। कोरोना से लड़ाई में लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने के लिए प्रेरित कर रही है। पुलिस की भूमिका इस दिनों बिल्कुल बदली-बदली सी हो गयी है। थानों में केस दर्ज नहीं हो रहे हैं। पटना के थानों में जहां मारपीट-लूटपाट के मामलों की भरमार होती थी वहां इक्का-दुक्का चोरी के मामले ही सामने आ रहे हैं।
इधर अगर लॉकडाउन के बीच कुछ घरेलू विवाद के मामले जरूर सामने आ रहे हैं। पति-पत्नी या फिर सास-बहू का झगड़ा देखने को मिल रहा है। हालांकि ऐसे मामलों में पुलिस को सूचित जरूर किया जा रहा है पर ज्यादातर मामलों का निपटारा भी लोग खुद से ही कर ले रहे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक घरेलू विवाद के मामलों में पुलिस केस दर्ज नहीं हो रहा। 'जान है तो जहान है' वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। लोगों को आज के वक्त क्रिमिनल से ज्यादा कोरोना से डर लग रहा है।