PATNA : बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले अब ईओयू ने बड़ा एक्शन लिया है। आर्थिक अपराध इकाई ने इस मामले में पहली बार शनिवार को एफआईआर दर्ज की। हालांकि, यह नामजद एफआईआर नहीं है। ईओयू के तरफ से यह एफआईआर राज्यभर में दर्ज 74 एफआईआर, हेल्पलाइन नंबर एवं ई-मेल से मिली महत्वपूर्ण सूचनाओं को आधार बनाते हुए दर्ज किया गया है।
दरअसल, पेपर लीक मामले की जांच के लिए ईओयू ने डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो के नेतृत्व में 23 सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन कर रखा है। एक अक्टूबर को सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा के प्रश्न पत्र वायरल होने और कई स्थानों से लीक होने की बात सामने आने के बाद एक दर्जन से अधिक जिलों में इससे संबंधित 74 एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके एक सप्ताह बाद पूरे मामले की जांच का जिम्मा ईओयू को सौंप दिया गया।
वहीं, जांच का जिम्मा ईओयू को सौंपने के बाद जांच टीम में शामिल होने वाले अधिकारियों की लिस्ट 7 अक्टूबर को बनाया गया। जिसमें कुल 23 लोगों को मेंबर बनाया गया। उस दौरान भी कई अभ्यर्थियों ने बताया था कि उनसे व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर प्रश्न-पत्र देने की बात कही गई थी। कुछ ने परीक्षा के पहले किसी स्थान से प्रश्न-पत्र देने की बात बताई। इसके बदले में राशि की भी मांग की गई थी। इस दौरान कुछ बेहद खास जानकारी ईओयू के हाथ लगी।
आपको बताते चलें कि, ईओयू के स्तर से अब तक काफी हद तक मामले की जांच कर ली गई है। इसकी जांच भी बीपीएससी पेपर लीक के मॉड्यूल पर ही चल रही है। जल्द ही पूरे मामले में मुख्य अभियुक्त समेत कई अहम बातों का खुलासा होने की संभावना है।