Bihar Weather: उत्तर बिहार में बारिश, दक्षिण में गर्मी का प्रकोप; पटना में इस दिन से राहत BIHAR: बंद बोरे में शव मिलने की अफवाह का वैशाली पुलिस ने किया खुलासा, बोरे से निकला दर्जनों मरा हुआ चूहा BIHAR: कंपाउंडर के बेटे ने नीट में 390 रैंक हासिल कर पिता का सपना किया साकार, पहले प्रयास में मिली सफलता बिहार वैश्य महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कुमार बने धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य, वैश्य समाज के लोगों ने दी बधाई ROHTAS: जेल से छूटकर आने के बाद भाई के जख्म का लिया बदला, चलती बस में आरोपी को मारा चाकू ARRAH: समाजसेवी अजय सिंह ने बखोरापुर में मनाया जन्मदिन, खिलाड़ियों और छात्रों को किया सम्मानित डोमिसाइल नीति पर तेजस्वी यादव और आरजेडी की दोहरी सोच बेनकाब: ऋतुराज सिन्हा भाजपा को चाहिए सिर्फ आपका वोट, सीवान में बोले मुकेश सहनी..आपकी तकलीफों से बीजेपी कोई लेना-देना नहीं How to Become Pilot: 12वीं के बाद पायलट बनने का सपना करें पूरा, जानें... कौन सा कोर्स है जरूरी Bihar News: 19 जून को इस जिले में लगेगा रोजगार कैंप, 8वीं पास से लेकर ITI वालों तक के लिए नौकरी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 21 Jun 2024 06:26:07 PM IST
- फ़ोटो
DESK: अपनी ही पार्टी में अलग थलग पड़े कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आखिरकार पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। शुक्रवार को कांग्रेस कमेटी की राज्य इकाई की बैठक के बाद चौधरी ने यह घोषणा की। लोकसभा चुनाव के दौरान ही पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ उनके मतभेद चल रहे थे।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर शुक्रवार की दोपहर राज्य कांग्रेस कमेटी की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की समीक्षा की गई। बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा देने का एलान किया हालांकि कांग्रेस की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई है कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया है या नहीं।
अधीर रंजन चौधरी ने अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए दावा किया है कि वह सिर्फ कांग्रेस के राज्य इकाई के सदस्य थे। उन्होंने कहा कि जब से मल्लिकार्जुन खरगे अध्यक्ष बने हैं तब से कोई प्रदेश अध्यक्ष नहीं है। जब पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति होगी तो आप सभी को जानकारी मिल जाएगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी के रिश्तों को लेकर अधीर रंजन चौधरी का पार्टी अलाकमान के साथ मतभेद चल रहा था।