CM नीतीश ने वज्रपात को लेकर दिए निर्देश, सरकारी भवनों पर ठनका से बचाव के लिए लगाए जाएंगे यंत्र

CM नीतीश ने वज्रपात को लेकर दिए निर्देश, सरकारी भवनों पर ठनका से बचाव के लिए लगाए जाएंगे यंत्र

PATNA : बिहार के सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों के सरकारी भवनों पर जल्द तड़ित चालक लगेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे लगाने के लिए पदाधिकारियों को विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विद्यालय, पंचायत भवन, प्रखंड, अंचल, अनुमंडल कार्यालय सहित अन्य सरकारी भवनों पर तड़ित चालक लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. साथ ही निजी भवनों पर तड़ित चालक लगाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करें.


मुख्यमंत्री ने राज्य में हो रही वज्रपात की घटनाओं पर शुक्रवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और पदाधिकारियों को कई निर्देश दिये. बैठक में वज्रपात के संभावित खतरों के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं इससे होने वाली मौत की घटनाओं में कमी लाने पर चर्चा की गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया कि ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में निचले स्तर तकव्यापक रूप से निरंतर जागरूकता अभियान चलाते रहें. सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों में विशेष रूप से निगरानी रखें और अभियान चलाकर एहतियात के तौर पर लोगों को सचेत करें. 


नीतीश कुमार ने कहा कि जिन क्षेत्रों में संभावित वज्रपात की पूर्व सूचना प्राप्त हो, उन इलाकों के लोगों को तत्काल इसकी जानकारी टीवी, सोशल मीडिया, एसएमएस, मोबाइल, रेडियो सहित अन्य माध्यमों से दी जाए. साथ ही पंचायती राज प्रतिनिधियों को भी संभावित वज्रपात की चेतावनी भेजी जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि वज्रपात से हुई मौत पर मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान देने का प्रावधान है. यह अनुग्रह अनुदान ससमय पीड़ित परिजनों को उपलब्ध कराएं जाए. 


बता दें कि तड़ित चालक का प्रयोग आकाशीय बिजली  के दौरान बहुत ऊंचे भवनों की सुरक्षा के लिए किया जाता है. तड़ित चालक एक मोटी तांबे की पट्टी होती है, जिसके ऊपरी सिरे पर कई नुकीले सिरे बने होते हैं. इस नुकीले सिरे को भवनों के सबसे ऊपर के भाग पर लगा दिया जाता है तथा दूसरे सिरे को तांबे की पट्टी के साथ जमीन में गाड़ दिया जाता है. जब आवेशित बादल भवन के ऊपर से गुजरते हैं तो उनका आवेश तड़ित चालक के नुकीले भाग द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है तथा यह आवेश कुछ तो संवहन धाराओं द्वारा वायु में वितरित कर दिया जाता है और कुछ भवन को बिना किसी नुकसान के जमीन में स्थानान्तरित कर दिया जाता है। इस प्रकार भवनों की तड़ित से सुरक्षा हो जाती है