IRCTC Aadhaar Verification: इस टाइम में ट्रेन टिकट बुक करने के लिए आधार अनिवार्य, IRCTC के नियमों में बड़ा बदलाव IRCTC Aadhaar Verification: इस टाइम में ट्रेन टिकट बुक करने के लिए आधार अनिवार्य, IRCTC के नियमों में बड़ा बदलाव Bihar Election 2025: दूसरे चरण की वोटिंग से पहले RJD ने पूर्व विधायक समेत उसके दो बेटों को पार्टी से निकाला, लगाए यह गंभीर आरोप Bihar Election 2025: दूसरे चरण की वोटिंग से पहले RJD ने पूर्व विधायक समेत उसके दो बेटों को पार्टी से निकाला, लगाए यह गंभीर आरोप Bihar Election 2025: गोपालगंज में दलितों की पिटाई पर भड़के जीतन राम मांझी, बोले- RJD दलित समाज की दुश्मन, यह उनका नेचर Bihar Election 2025: गोपालगंज में दलितों की पिटाई पर भड़के जीतन राम मांझी, बोले- RJD दलित समाज की दुश्मन, यह उनका नेचर Patna robbery : पटना में दिनदहाड़े 10 लाख की लूट: अपराधियों ने DCM ड्राइवर को मारी गोली, मचा हड़कंप Indian Railways : भारतीय रेलवे की नई पहल,ट्रेन में यात्रियों को मिलेगा स्वादिष्ट खान; ऐप से ई-कैटरिंग सेवा शुरू Bihar Election 2025: दूसरे चरण की वोटिंग से पहले बिहार पुलिस का एक्शन, झारखंड की सीमा से हार्डकोर नक्सली अरेस्ट Jharkhad DGP Tadasha Mishra: झारखंड की पहली महिला DGP बनीं तदाशा मिश्रा, पदभार ग्रहण करने के बाद क्या बोलीं?
1st Bihar Published by: Updated Fri, 05 Mar 2021 07:52:53 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : अपने भाई को मंत्री वाला ट्रीटमेंट दिलवाने के प्रकरण में फजीहत के बाद मंत्री मुकेश सहनी ने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलती कबूल की. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया के सामने उन्हें गलती मानने के लिए कहा. मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद ही मुकेश सहनी ने इस मामले पर गलती कबूली. लेकिन आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी केवल मुकेश सहनी की माफी से मामले का पटाक्षेप होने नहीं देना चाहते. शिवानंद तिवारी ने इस पूरे प्रकरण में दोषी अधिकारियों की जवाबदेही तय कर उनके ऊपर कार्यवाही की मांग की है.
शिवानंद तिवारी ने कहा है कि मुकेश सहनी ने गलती की और उन्होंने अपनी गलती सार्वजनिक रूप से कुबूल कर ली है. मुकेश साहनी राजनीत में नए आए हैं. पहली मर्तबा सरकार में मंत्री ही नहीं बल्कि किसी सदन के सदस्य भी बने हैं. इसलिए माना जा सकता है कि सरकारी कामकाज के तौर-तरीकों की बहुत समझ वे नहीं रखते हैं. लेकिन उन पदाधिकारियों को क्या कहा जाएगा जिन्होंने मंत्री के बदले उनके भाई को वही हैसियत दी जो एक मंत्री को दी जाती है ! पदाधिकारी मंत्री को सहयोग देने के लिए होते हैं.
राजनीतिक व्यक्ति जब पहली मर्तबा मंत्री बनता है तो उसके तौर-तरीकों के विषय में उसको जानकारी नहीं होती है. ऐसे मौकों पर प्रशासनिक अधिकारी उसकी सहायता के लिए होते हैं. लेकिन इस प्रकरण में जितनी गलती मुकेश साहनी की है उससे कहीं ज्यादा बड़ी और गंभीर गलती उन प्रशासनिक अधिकारियों ने की है जिन्होंने सारा कार्यक्रम मंत्री के एवज में उनके भाई से करवाया.
मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से मुकेश सहनी से गलती कुबूल करवा कर और उनसे खेद व्यक्त करवा कर इस प्रकरण का इतिश्री करवा दिया है. मुझे लगता है, यह सही नहीं है. उन पदाधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने सरकारी कार्यक्रमों के शिष्टाचार का अपमान किया है.