PATNA : बिहार सरकार ने सोमवार की शाम सूबे के सरकारी स्कूलों में अगले साल होने वाली छुट्टियों की सूची जारी कर दिया। शिक्षा विभाग ने इसका नोटिफिकेशन निकाला है। इसमें लिखा है-शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत बाध्यता है कि प्रारंभिक विद्यालयों में कम से कम 220 दिन की पढ़ाई हो। इसे विशेष तौर पर ध्यान में रखकर 2024 के लिए स्कूलों में छुट्टी घोषित की जा रही है। लेकिन, यह कैलेंडर जारी होते ही दो समुदाय की छुट्टियों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में नीतीश कैबिनेट के मंत्री ने कहा है कि- इसमें सुधार किया जाएगा।
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि - छुट्टी को लेकर जो विवाद हुआ है इसमें मुख्यमंत्री फिर से हस्तक्षेप करेंगे और देखेंगे कि क्या मामला है। मैं समझता हूं कि जो बहुसंख्यक लोग हैं उनकी भावना आहत नहीं हो। इस बात का भी ख्याल रखा जाएगा। इसमें कहीं से किसी को भी नुकसान न हो इसका हमलोग पूरा ख्याल रखते हैं।
अशोक चौधरी ने कहा कि - बहुसंख्यक लोग हैं उनकी भावना ट्रेडसली जिस तरह से पहले सरकार बनी है उन सब चीजों को हम समझते हैं। मुख्यमंत्री जी पिछले बार भी हस्तक्षेप किए थे इस बार भी करेंगे। उसे बार भी सुधार हुआ था इस बार भी सुधार किया जाएगा। चिंता की कोई जरूरत नहीं है सब कुछ ठीक होगा। चौधरी ने कहा कि यह सब निकल मंत्री के साथ विचार विमर्श करके नहीं होता है नीचे के स्तर से होता है नीचे के स्तर से ही हुआ होगा। ऐसे में मुख्यमंत्री जी निश्चित रूप से इसमें आकर्षित करेंगे और जो पूरी तरह से चीज हैं उसको ध्यान में रखा जाएगा। किसी को भी अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है।
आपको बताते चलें कि, सरकार के तरफ से जो आदेश निकाला गया है उसके मुताबिक़ बिहार सरकार ने अपने स्कूलों में बच्चों को कम से कम 220 दिन पढ़ाने के लिए ईद और बकरीद की छुट्टी बढ़ा दी। ईद और बकरीद पर पहले दो दिनों की छुट्टी होती थी. 2024 में दोनों पर्वों पर स्कूल तीन-तीन दिन बंद रहेंगे। वहीं, गर्मी की छुट्टी को दस दिन बढ़ा दिया. पहले 20 दिन छुट्टी होती थी, अगले साल 30 दिन की गर्मी छुट्टी होगी।
इसके साथ ही मुहर्रम पर दो दिनों की छुट्टी होगी। लेकिन जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि, राम नवमी, सरस्वती पूजा, राखी, तीज और जीतिया पर सरकारी स्कूल खुले रहेंगे। बता दें कि जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि, रामनवमी जैसे पर्व पर केंद्र सरकार के कार्यालय, बैंक के साथ साथ बिहार सरकार के ऑफिस बंद रहेंगे. लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को आना पड़ेगा।