PATNA : बिहार में आज नशा मुक्ति दिवस मनाया जा रहा है। इसी को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सूबे के पदाधिकारी और अन्य लोगों को संबोधित कर रहे थे। लेकिन, इस दौरान सबसे अलग वाकया उस दौरान देखने को मिला जब सीएम पुलिस के कार्यशैली पर ही सवाल उठाना शुरू कर दिए। सीएम ने कहा कि शराबंदी का इतना साल गुजर गया है। इसके बाद भी बहार से शराब कैसे आ रहा है। हमको समझ में नहीं आता है। इसलिए बार - बार बोलते हैं कि अलर्ट रहिए।
सीएम नीतीश कुमार ने पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि- हर दिन आप लोग हमको रिपोर्ट देते हैं लेकिन हमको ही समझ में नहीं आता है कि कैसे कोई बाहर से शराब लेकर चला आता है। इसको लेकर अलर्ट रहिए। कैसे कोई दारू लेकर चलना है जब कि यहां 5-5 साल का सजा हो गया बहुत लोगों को। इसलिए हम बार-बार कहते हैं कि आपको अलर्ट रहना चाहिए। पिछली बार जब हमने आपको सर्वेक्षण करने के लिए कहा तो आप लोग लिमिटेड एरिया को देखकर बोल देते हैं की कर इतना हुआ लेकिन जैसे हमने जाती है सर्वे करवाया है वैसे आप सर्वे करवाइए और देखिए कैसे क्या हो रहा है। हम चाहते हैं कि आप एक-एक घर में जाकर के जरा शराबबंदी के बारे में पूछिए।
इसके आगे नीतीश कुमार ने कहा कि, कुछ लोग तो खिलाफ ही रहता है ना जी। आप तो जानते हैं कि सब आदमी सही विचार नहीं हो सकता है। जितना लोग पैदा होता है 100% सही नहीं हो सकता है। कुछ लोग तो गड़बड़ करता ही रहता है। इसको ध्यान रखिए और कानून के अनुसार इसको देख लीजिए। काहे ऐसा कर रहा है।
वहीं, नीतीश कुमार ने कहा कि- वैसे तो हम शराबबंदी के पक्ष में थे लेकिन हमको लग रहा था कि साहब यह सफल हो पाएगा या नहीं हो पाएगा। लेकिन बाद में जब महिलाओं ने यह बात कही तो मुझको लगा की बड़ी खुशी की बात है और तुरंत म कह दिया कि नहीं ठीक है यह लागू होगा। शहरी क्षेत्र में शुरुआत में हमने यह कह दिया कि सिर्फ विदेशी शराब को रहने दीजिए बाकी सब बंद कर दीजिए लेकिन 5 दिनों के अंदर इसका इतना समर्थन मिला कि पूरे बिहार में दारू बंद करना पड़ा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को हम मध्य निषेध दिवस मना रहे थे और सबको प्रेरित कर रहे थे कि सबको कहिए। उस समय शराबबंदी लागू नहीं था। लेकिन 2015 में जब महिलाओं ने यह डिमांड कर दिया कि तो हमने कहा था कि अगली बार चुनाव जीत कर आएंगे तो लागू करेंगे और आज शराबबंदी हमने लागू कर दिया। उसके बाद 2017 में इसको नशा मुक्ति दिवस कर दिया गया। यह काम हमने महिलाओं के कहने पर ही किया है।
उधर, सीएम नीतीश कुमार ने यह कहा कि कुछ दिन पहले हमको एक आदमी आकर या कहने लगा कि शराबबंदी ठीक ढंग से लागू नहीं है इसको छोड़ दीजिए तो हम उन्हें उसको कहा कि आपका है ऐसा बोल रहे हैं हम काहे इसको छोड़ देंगे। हम लोग तो बचपन से है ना इसके पक्ष में रहे हैं जब हम कॉलेज में पढ़ते थे तो हमको बख्तियारपुर में कोई शराब पीते हुए नहीं दिखाई पड़ता था। जब हम पढ़ने गए इंजीनियरिंग कॉलेज तो पहले साल हमको अच्छा जगह नहीं मिला था तो दूसरा साल हमारे पिताजी दूसरे जगह रखवा दिए। तो रतवा में कभी-कभी बहुत झंझट होता था। तो इस समय हम लोग जान गए कि शराब कितना खराब चीज है।