MUZAFFARPUR : बिहार में सरकार लगातार पंचायत में विकास को लेकर तत्पर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ग्रामीण इलाकों में विकास को लेकर लगातार अधिकारियों को निर्देश जारी करते रहते हैं। इसके बाबजूद पंचायती कार्यों में घपलेबाज का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के अंदर आए दिन कहीं न कहीं से पंचायती कार्य में भ्रस्टाचार का मामला का मामले सामने आते ही रहता है। इसी कड़ी में ताजा मामला मुजफ्फरपुर मामला सामने आ रहा है। यहां 12 लाख की योजना पर पानी फिर गया।
मिली जानकारी के अनुसार, जिले के औराई प्रखंड के पंचायतो में पंचायती राज व्यवस्था से हो रहे विकास कार्यों में अनियमितता का मामला सामने आया है। यहां कुछ दिन पहले सडक निर्माण मे अनियमितता के मामले का खुलासा हुआ और राशि वसुली का आदेश दिया गया है। इसके बाद अब रतवारा पुर्वी पंचायत के वनवासपुर श्मशान की चहारदिवारी निर्माण के चंद महीने के बाद ही हवा के हल्के झोंके में चहारदिवारी भराकर गिर गई है।
मालूम हो कि, 15वीं वित्त आयोग के द्वारा पंचायत एवं और जिला पार्षद निधि के द्वारा शमशान घाट की मिट्टी भराई से लेकर चहारदीवारी का निर्माण की गई थी। निर्माण के दौरान ही कार्य में काफी अनियमित्तता बरती गई, जिसकी वजह से चहारदीवारी भ्रष्टाचार का भेट चढ़ गयी। बताया जा रहा है इस योजना में दो जनप्रतिनिधियों ने मिलकर कार्य करवाया, जिसमें पंचायत की मुखिया शैल देवी ने 7 लाख 65 हजार पांच सौ लागत की राशी से चारदिवारी का निर्माण किया,वही जिला परिषद निधी के द्वारा 4 लाख 98 हजार 800 की लागत लगाकर कार्य किया गया। लेकिन इसके बावजूद भी कार्य पूर्ण रुप से सफल नहीं हो सका और एक तरफ से चारदिवारी भरभरा कर गिर गयी।
इधर, इस संबंध मे मुखिया प्रतिनिधि का कहना है कि असामाजिक तत्व द्वारा दीवार गिरा दी गई। जांच के लिए थाने को दिया गया है। जबकि थाना अध्यक्ष रूपक कुमार का कहना है कि कोई इस मामले में प्राथमिक दर्ज नहीं की गई है जांच मे दिवार गिराने का मामला प्रतीत नही होता है, दिवार अपने आप गिरी।