बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी
1st Bihar Published by: Updated Wed, 20 Apr 2022 05:31:46 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। पत्र लिखकर उन्होंने केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस पर हुए हमले की जांच की मांग की। पशुपति पारस पर हुए हमले की निंदा करते हुए चिराग ने कहा कि पहली बार बाबा वीर चौहरमल की जयंती पर आयोजित मेले में मौजूद लोगों पर लाठियां चलाई गयी। इस घटना पर भी मैं घोर निन्दा करता हूँ। इतने सालों के इतिहास में आज तक कभी उस मेले में ऐसी घटना नहीं घटी थी। पशुपति पारस के कहने पर जिस तरीके से प्रशासन के द्वारा पासवान समाज पर लाठियां चलाई गई इसकी भी जांच होनी चाहिए।
बता दें कि केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस के चिराग पासवान पर हत्या करवाने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूरे मामले की जांच किए जाने की मांग की। इसे लेकर चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। लिखे गये पत्र में चिराग पासवान ने पूरी घटना की जानकारी देते हुए कहा कि पासवान समाज अपने आराध्य बाबा वीर चौहरमल की जयंती हर साल घूम-धाम से मनाता है।
रामविलास पासवान जी जब तक जीवित रहे वह हर साल इस कार्यक्रम में जाते थे और पूरा पासवान समाज भव्य तरीके से उनका स्वागत करता था। मेरे लिए यह गर्व की बात है की इस साल पहली बार अपने पिता के निधन के बाद जब मै इस कार्यक्रम में गया तो वही प्यार और आशीर्वाद वहां मौजूद लोगों ने मुझे दिया तस्वीरें गवाह है की किस तरह बड़ी संख्या में बिना धूप-गर्मी की परवाह किए घंटो लोगों ने वहा पर मेरी बातों को सुना और अपना आशीर्वाद दिया समाज के द्वारा रामविलास पासवान जी के सम्मान में लगाई गई प्रतिमा का अनावरण भी मेरे हाथों ही कराया गया।
जहां एक तरफ पशुपति कुमार पारस पर हुए हमले की मैं निंदा करता हूँ, वहीं पहली बार बाबा वीर चौहरमल की जयंती के मेले में मौजूद लोगों पर चली लाठी की भी मैं घोर निन्दा करता हूँ। इतने सालों के इतिहास में आज तक कभी उस मेले में ऐसी घटना नहीं घटी थी पशुपति पारस के कहने पर जिस तरीके से प्रशासन के द्वारा पासवान समाज पर लाठियां चलाई गई इसकी भी जांच होनी चाहिए।
चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चाचा पशुपति पारस बाबा चौहरमल जयंती के धार्मिक आयोजन में आए श्रद्धालुओं पर शराब पीने का आरोप लगाकर पासवान समाज की भावना को को आहत किया ही साथ ही यह कहकर कि शराब सभी जगह मिलता है। सरकार की शराबबंदी नीति पर भी एक केन्द्रीय मंत्री के रूप में सवाल खड़ा कर दिया है।
पत्र में चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं। ऐसे में मेरे ऊपर लगे आरोपों की जांच की मांग करता हूं। यदि जांच में मैं दोषी गया तो यकीनन मुझ पर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन यदि मैं दोषी नहीं पाया गया तब पशुपति पारस पर कार्रवाई होनी चाहिए क्यों कि ऐसा कर उन्होंने हमारी छवि को बदनाम करने का काम किया है। जनता में पशुपति पारस को लेकर बढ़ रहे आक्रोश के कारणों की भी जांच होनी चाहिए।
यकीनन बिहार की जनता और खासतौर पर पासवान समाज के बीच पशुपति पारस को लेकर काफी आक्रोश है। जिस तरीके से उन्होंने हमारे नेता रामविलास पासवान जी के निधन के बाद पार्टी को धोखा देने का काम किया और मंत्री बनने की लालच में हमारे नेता के विचारों से समझौता किया इससे हमारे नेता के समर्थक पशुपति पारस से काफी नाराज हैं।
पासवान समाज की नाराजगी हाल ही में हुए बोचहां उपचुनाव में देखने को मिली न समाज जो अभी तक एनडीए समर्थक रहा था तो इस बात से काफी नाराज है कि जिस तरीके से दिल्ली में आवास खाली कराने के बहाने हमारे नेता रामविलास पासवान जी की तस्वीरों के साथ-साथ तमाम महापुरुषों की तस्वीरों का किया गया उसे भुलायाा नहीं जा सकता। समाज में इस बात का आक्रोश है की इतना कुछ हो जाने पर सिर्फ मंत्री बने रहने के लालच में पशुपति पारस ने एक शब्द नहीं कहा।