AURANGABAD : लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और जमुई के सांसद चिराग पासवान भले ही नीतीश सरकार के ऊपर हमला बोलते रहे हों, भले ही वह सुशासन पर सवाल उठाते रहे हों लेकिन अंदर की खबर यह है कि चिराग की पार्टी के नेता के ऊपर नीतीश की पुलिस खास मेहरबानी रख रही है। मामला औरंगाबाद जिले में एक अंचलाधिकारी को धमकी दिए जाने से जुड़ा हुआ है। बीते 15 जून को सीओ विजय कुमार के साथ मारपीट और धमकी देने का आरोप चिराग पासवान की पार्टी के नेता प्रकाश चंद्र के ऊपर लगा था। प्रकाश चंद्र के ऊपर सीओ ने जब आरोप लगाए उसके बावजूद एफआईआर दर्ज करने में दो दिन की देरी की गई। इस बात से मालूम पड़ता है कि प्रकाश चंद्रा का रसूख स्थानीय प्रशासन में कैसा रहा है। आखिरकार 17 जून को केस दर्ज हुआ लेकिन अब तक पुलिस ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता प्रकाश चंद्रा के ऊपर कोई एक्शन नहीं लिया।
दाउदनगर के अंचल अधिकारी विजय कुमार ने स्थानीय थाने में जो लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी उसमें कहा गया था कि 15 जून को जब अपने कार्यालय में बैठे हुए थे तो इसी बीच उनके पर्सनल मोबाइल नंबर पर प्रकाश चंद्र का फोन आया था जिसे वह नहीं उठा नहीं पाए। इसके बाद अंचल अमीन दाउदनगर के मोबाइल से मेरे सरकारी नंबर पर फोन आया और मुझे बताया गया कि प्रकाश चंद्र आप बात करना चाहते हैं। जैसे ही मैंने हेलो बोला प्रकाश चंद्रा के द्वारा गाली गलौज किया जाने लगा। प्रकाश चंद्रा ने मुझे अपने ऑफिस में बुलाया, मैं नहीं गया तो लगभग 5 मिनट के अंदर ही प्रकाश चंद्रा के गुर्गों ने मेरे ऑफिस से पहुंचकर गाली गलौज और हाथापाई शुरू कर दी। वे लोग मुझे जबरदस्ती उठाकर प्रकाश चंद्रा के पास ले जाना चाहते थे। अंचल गार्ड की सहायता से किसी तरह मैं बच गया लेकिन मुझे धमकी देते हुए हथियार लहराते हुए प्रकाश चंद्रा के गुंडे वहां से चले गए। इस दौरान कई जरूरी कागजात को भी उन्होंने नष्ट कर दिया। अंचल अधिकारी की तरफ से एफआईआर दर्ज किए जाने के बावजूद इस मामले में अब तक प्रकाश चंद्रा के खिलाफ पुलिस ने कोई ऐक्शन नहीं लिया है।
एफआईआर दर्ज होने के बावजूद आरोपित प्रकाश चंद्र के खिलाफ अब तक पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया है। इसे लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय पुलिस ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। जिस थाने में शिकायत दर्ज की गई उसकी तरफ से बताया जा रहा है कि इस मामले की जांच का जिम्मा डीएसपी दाउदनगर को मिला है। जबकि हकीकत यह है कि सोशल मीडिया पर डीएसपी साहब के साथ आरोपित प्रकाश चंद्रा एक तस्वीर शेयर की गई है, जिस पुलिस अधिकारी को आरोपित प्रकाश चंद्रा के मामले में जांच की जिम्मेदारी मिली है प्रकाश चंद्र उसी के साथ फोटो सेशन करवा रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या इस मामले में निष्पक्ष जांच हो पाएगी? क्या चिराग पासवान की पार्टी के नेता पर नीतीश सरकार की पुलिस खास मेहरबानी रखे हुए है? चर्चा तो यह भी है कि यह मामला करोड़ों की एक जमीन से जुड़ा हुआ है, जिसे लेकर अब विवाद बढ़ चुका है और एफआईआर दर्ज होने के बावजूद नेताजी सब कुछ मैनेज करने में जुटे हुए हैं।