चार घंटे बाद बिहार आएंगे एमपी के CM मोहन यादव, लोकसभा चुनाव से पहले 14% आबादी को देंगे बड़ा मैसेज

चार घंटे बाद बिहार आएंगे एमपी के CM मोहन यादव, लोकसभा चुनाव से पहले 14% आबादी को देंगे बड़ा मैसेज

PATNA : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव गुरुवार को एक दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं। वे पटना में पार्टी कार्यालय के साथ ही दो अन्य कार्यक्रमों में शामिल होंगे। मध्यप्रदेश के सीएम बनने के बाद डॉ मोहन यादव का यह पहला बिहार दौरा है। श्रीकृष्ण चेतना विचार मंच के आमंत्रण पर वे बिहार आ रहे हैं। मंच की ओर से श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में उनको सम्मानित किया जाएगा। वहीं, इनके कार्यक्रम को लेकर बिहार में एक नए सियासी समीकरण की भी बात कही जा रही है। 


दरअसल, यह पहला मौका है, जब एमपी के किसी सीएम का बिहार में अभिनंदन किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, मोहन यादव साढ़े चार घंटे पटना में बिताएंगे। वे 12 बजे विशेष विमान से पटना पहुंचेंगे और शाम 4:30 बजे भोपाल के लिए रवाना होंगे। इस दौरान वे बिहार की 14.26 प्रतिशत यादव आबादी को बड़ा मैसेज देंगे।


मालूम हो कि, जातीय गणना रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36%, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) 27% हैं। अगर दोनों को मिला दें तो बिहार में पिछड़ा वर्ग की आबादी 63 प्रतिशत से ज्यादा है। इनमें अकेले 14.26% यादव हैं। इस आबादी को लोकसभा सीट के हिसाब से देखें तो बिहार की 40 में से 5 लोकसभा सीटों पर यादव निर्णायक भूमिका में हैं। इसके अलावा, कम से कम 10 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां इनकी आबादी 2 लाख से ज्यादा है। लिहाजा चुनाव से पहले यदि मोहन यादव इस समाज के बीच अपनी बातों को रखते हैं और लोग इनकी बातों से प्रभावित होते हैं तो फिर भाजपा को काफी फायदा मिलने वाला है और उसके लिए बिहार का किला फतह करना बेहद आसान होने वाला है। 


सूत्र बताते हैं कि, वैसे भी इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा ओबीसी वोटर्स को साधने का प्रयास कर रही है। लिहाजा 2024 चुनाव से पहले ओबीसी के साथ यादव को भी अपने साथ जोड़ने की मुहिम में जुट गई है। यही कारण है कि बिहार में पहली बार गोवर्धन पूजा पर पार्टी की ओर से मेगा इवेंट का आयोजित किया गया। दावा किया गया कि इसमें 23 हजार से ज्यादा यदुवंशियों ने पार्टी की सदस्यता ली, उसके बाद अब मोहन यादव का कार्यक्रम तय किया गया। इसके जरिए यह संदेशदेने की कोशिश होगी की यह समाज सिर्फ लालू यादव और राजद का वोटर नहीं बल्कि भाजपा के साथ भी है।