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BHAGALPUR: भागलपुर के एकता क्लिनिक में एक 22 वर्षीया खुशबू को प्रसव के लिए एडमिट कराया गया था लेकिन इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों के बीच कोहराम मच गया। पति संतोष कुमार ने क्लिनिक पर गंभीर आरोप लगाए। पति संतोष ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी को शुक्रवार शाम को क्लिनिक में भर्ती कराया था, जहाँ देर रात खुशबू ने एक बेटे को जन्म दिया।
संतोष का आरोप है कि सुबह 11 बजे तक उनकी पत्नी की हालत ठीक थी, लेकिन उसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उन्होंने आरोप लगाया कि क्लिनिक के कर्मचारियों ने 17 घंटों में उनकी पत्नी को 30 से 40 इंजेक्शन लगा दिए। जब खुशबू की हालत ज्यादा बिगड़ गई, तब उन्हें जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
संतोष ने बताया कि उनकी पत्नी डिलीवरी पेशेंट थीं और एकता क्लिनिक में उनका इलाज चल रहा था। 27 दिसंबर को डिलीवरी की संभावित तिथि थी, लेकिन शुक्रवार शाम को अचानक ज्यादा दर्द होने के कारण उन्हें क्लिनिक ले जाया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर मनोज कुमार ने उन्हें इस क्लिनिक में डिलीवरी कराने की सलाह दी थी।
खुशबू की मौत के बाद आक्रोशित संतोष और उनके परिजनों ने क्लिनिक में जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने परिजनों को लिखित शिकायत दर्ज कराने और जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
संतोष ने बताया कि बार-बार इंजेक्शन लगाए जाने के बाद उनकी पत्नी की हालत नाजुक होती गई। जब उन्होंने खुशबू से उनकी तबीयत के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि उनके पेट में लहर जैसी अनुभूति हो रही है और उन्हें किसी दूसरे अस्पताल में ले जाने को कहा। संतोष के अनुसार, डॉक्टरों ने उनकी बात नहीं सुनी और खुशबू को डिस्चार्ज नहीं किया।
जोगासर थाना से मौके पर पहुंचे ASI महेन्द्र चौधरी ने बताया कि उन्हें एकता क्लिनिक में डिलीवरी के दौरान एक महिला की मौत और परिजनों द्वारा हंगामा करने की सूचना मिली थी। उन्होंने बताया कि परिजनों ने क्लिनिक में थोड़ी तोड़फोड़ भी की है और लिखित शिकायत मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद से एकता क्लिनिक की महिला डॉक्टर और स्टाफ मौके से फरार हो गये हैं। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुटी है।