PATNA : बिहार लोकसभा आयोग के तरफ से आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है। उसके बाद अब जो आकड़ा निकल कर सामने आ रहा है अपने आप में आश्चर्यचकित करने वाला है।
दरअसल, सरकार की तरफ से लगभग पौने दो लाख शिक्षक बहाली भर्ती परीक्षा के नतीजे जारी करने शुरू कर दिए गए हैं। जानकारी करके सामने आई है उसके मुताबिक भाषा शिक्षकों के 100 में से अभी भी 67 पद खाली छूटे हुए हैं। राज्य सरकार को काबिल टीचर नहीं मिलने के कारण बड़ी संख्या में पद खाली छोड़ दिए गए हैं। इसी वजह से आयोग ने 75 परसेंट सीट भरने के नियम को भी शिथिल कर दिया है।
वहीं, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लैंग्वेज टीचर्स के 67 परसेंट पद इस भर्ती में नहीं भरे जा सके। हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, ऊर्दू समेत छह भाषाओं में 9979 रिक्त पद थे जिन पर मात्र 3300 परीक्षार्थी सफल घोषित किए गए। भाषा शिक्षकों के 6679 पद खाली रह गए जिन पर अब अगले चरण की शिक्षक बहाली में भर्ती होगी।बीपीएससी ने सबसे पहले क्लास 11 और 12 यानी उच्च माध्यमिक स्कूलों में हिन्दी विषय के शिक्षकों के कुल 3221 खाली पद पर बहाली के लिए मात्र 525 सफल कैंडिडेट की लिस्ट जारी की। मतलब महज मात्र 17 परसेंट कैंडिडेट ही सफल हो सके जबकि 83 परसेंट अभ्यर्थी फेल हो गए। इससे 2696 पद खाली रह गया।
इसके साथ ही एक-एक करके अंग्रेजी, ऊर्दू, संस्कृत, बांग्ला समेत कुल 13 विषयों के नतीजे अब तक घोषित हो चुके हैं और ज्यादातर विषयों का ट्रेंड यही है। हालांकि, अंग्रेजी टीचर का रिजल्ट थोड़ा बेहतर रहा जिसमें 3535 रिक्त पद पर बहाली के लिए 2323 कैंडिडेट को काबिल माना गया है। अंग्रेजी टीचर के 66 परसेंट पद भरते दिख रहे हैं जबकि 34 फीसदी ही खाली छूटे हैं। संस्कृत में 1289 रिक्त पदों पर 258 को सफलता मिली है। प्रतिशत में कहें तो 100 में 20 लोग ही पास हो सके, बाकी फेल हो गए।
उधर,उर्दू शिक्षक का हाल और भी बुरा है। 1749 रिक्त पदों पर मात्र 145 अभ्यर्थी सफल हो सके। मात्र 8 परसेंट पास हो सके, बाकी 92 फीसदी रह गए। मैथिली शिक्षक में 30 परसेंट रिजल्ट हुआ जिसके लिए 158 रिक्त पद पर 48 कैंडिडेट सफल घोषित हुए। बांग्ला टीचर के 27 पद पर मात्र 1 कैंडिडेट सफल हुआ। प्रतिशत में कहें तो लगभग 4 परसेंट। बीपीएससी ने ज्यादातर विषयों ने न्यूनतम कटऑफ मार्क्स पर रिजल्ट जारी किया है। अनारक्षित यानी सामान्य वर्ग के लिए 40 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 36.5 प्रतिशत, अति पिछड़ा वर्ग के लिए 35 प्रतिशत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और दिव्यांग महिलाओं के लिए 32 परसेंट कट ऑफ रखा गया है।