BPSC को नियुक्ति पत्र लौटाने पहुंचा शिक्षक अभ्यर्थी, लगाया आरोप-आंख मूंदकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कर रहे पदाधिकारी

BPSC को नियुक्ति पत्र लौटाने पहुंचा शिक्षक अभ्यर्थी, लगाया आरोप-आंख मूंदकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कर रहे पदाधिकारी

PATNA: बिहार बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम सामने आने के बाद काउंसिलिंग और दस्तावेजों के सत्यापन का कार्य जारी है। लेकिन इसी बीच आयोग पर गड़बड़ी के आरोप भी लग रहे हैं। शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने वाले मुकेश कुमार सिंह अब डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने वाले अधिकारी और पदाधिकारी पर सवाल उठा रहे हैं। 


मुकेश सिंह का कहना है कि बीपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन सही रूप से नहीं हो रहा है। अधिकारियों और पदाधिकारी की लापरवाही के कारण गलत नियुक्ति पत्र जारी किया जा रहा है। मुकेश कुमार सिंह को गलत नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया है जिसे वो लौटाने के लिए आयोग पहुंच गया। 


मुकेश कुमार सिंह का आरोप है कि कई बार उसके प्रमाण पत्रों की जांच की गयी लेकिन किसी ने उनके डॉक्यूमेंट को ट्रेस नहीं किया। पटना के गर्दनीबाग हाई स्कूल में पहले डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया गया। प्रमाण पत्रों को देखने के बाद वहां सब कुछ ओके कर दिया गया। जबकि मेरा जो TET का सर्टिफिकेट है वो मैं 2011 में BTET क्वालिफाइड हूं। जबकि प्लस टू के लिए STET का सर्टिफिकेट ही चाहिए। जो हमारे पास नहीं है। हम बीपीएससी एक्जाम दे चुके थे सोचा था कि जब ट्रेस करेंगे तो देखा जाएगा। लेकिन आज तक कही भी इसे ट्रेस नहीं किया जा सका।


बिना डॉक्यूमेंट ट्रेस किये ही किशनगंज में ज्वाइनिंग के लिए लेटर भी आ गया। वहां भी जिला शिक्षा पदाधिकारी के यहां वेरिफिकेशन किया गया तो अधिकारी उसे नहीं पकड़ पाए। मुकेश ने कहा कि डॉक्यूमेंट चेक ठीक से ही नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण गलत तरीके से ज्वाइनिंग लेटर जारी कर दिया गया है। जिसे वह लौटाने आया हैं। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के काम में लगे लोग भी इसे नहीं पकड़ पा रहे है। हमने सोचा कि अब मुझे ही सामने आना पड़ेगा और यह बात आयोग को बताना होगा कि डॉक्यूमेंट आंख बंद करके चेक किया जा रहा है। 


मुकेश ने कहा कि गलत तरीके से सर्विस हम नहीं कर सकते है बीपीएससी के अधिकारी और पदाधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं इसे बताने के लिए आए है और ज्वाइनिंग लेटर को लौटाने आए है। जो डॉक्यूमेंट संलग्न किये थे वो आगे बढ़ता चला गया और नियुक्ति पत्र भी दे दिया गया जो सही नहीं है। चाहते तो चुपचाप किशनगंज में ज्वाइन भी कर लेते लेकिन मुझे लगा कि यह उचित होगा इसलिए ज्वाइनिंग लेटर को लौटाने आए हैं। अधिकारी और पदाधिकारी आंख मूंदकर काम कर रहे हैं वे गलती नहीं पकड़ पा रहे हैंं।