PATNA : कांग्रेसी जैसी पुरानी पार्टी के लिए ना तो देश में और ना ही बिहार में कुछ अच्छा चल रहा है। दरअसल कांग्रेस ने बोचहां विधानसभा उपचुनाव में उतरने का फैसला किया था लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस से उम्मीदवार का जो हाल हुआ उसके बाद पार्टी का अंदरूनी कलह सतह पर आ गया है। पहले पार्टी के विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने प्रदेश नेतृत्व के फैसले पर सवाल खड़े किए थे और अब कार्यकारी अध्यक्ष और एमएलसी समीर सिंह ने प्रदेश नेतृत्व को कटघरे में खड़ा कर दिया है। समीर सिंह ने आरोप लगाया है कि वो जहां में किसी कांग्रेसी को टिकट नहीं दिया गया। बाहरी उम्मीदवार को टिकट देकर कांग्रेस की नाक कटवाई गई। समीर सिंह ने कहा है कि इससे बेहतर होता कि पार्टी के किसी नेता को टिकट दिया जाता।
समीर सिंह ने बिहार प्रदेश कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा है कि उम्मीदवार का चयन गलत तरीके से हुआ। कांग्रेस विधायक दल नेता अजीत शर्मा के बाद अब कांग्रेस एमएलसी कार्यकारी अध्यक्ष समीर सिंह ने नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया है। अब बिहार प्रभारी भक्त चरण दास, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं।
समीर सिंह ने पूछा है कि बोचहां उपचुनाव में पार्टी ने कैसे तरुण चौधरी को टिकट दिया? पार्टी की परंपरा रही है की चुनावी टिकट देने के समय पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात होती है। बोचाहा चुनाव में प्रत्याशी के चयन और टिकट देने पर कोई राय नहीं ली गई। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से किसी अन्य पार्टी के व्यक्ति को कांग्रेस का टिकट देना गलत फैसला था। प्रदेश अध्यक्ष और बिहार प्रभारी ने अगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी बोचहां उपचुनाव में टिकट दिया होता तो तरुण चौधरी से ज्यादा वोट आता। समीर सिंह ने कहा है कि पार्टी में समर्पित कांग्रेस नेताओं को बड़ा स्थान मिले तभी जाकर पार्टी बिहार में बेहतर कर सकती है।