BJP विस्तारकों की राय पर कुशवाहा ने दिया बड़ा सलाह, कहा - ऐसी बातों को पब्लिक डोमेन में आने से रोकें, वरना होगा बड़ा नुकसान

BJP विस्तारकों की राय पर कुशवाहा ने दिया बड़ा सलाह, कहा - ऐसी बातों को पब्लिक डोमेन में आने से रोकें, वरना होगा बड़ा नुकसान

PATNA : लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम सामने आ चुका है। इस बार पिछली बार की तुलना में एनडीए को बिहार में कुल 9 सीटों का नुकसान हुआ है और अब एनडीए की हार के पीछे की वजह भी धीरे-धीरे सामने आ रही है। ऐसे में अब भाजपा की तरफ से की गई समीक्षा बैठक में एक बड़ी बात विस्तारकों के तरफ से कहा गया है। उन्होंने कहा है कि जदयू का वोट भाजपा को ट्रांसफर नहीं हुआ है। इसके बाद अब इस मामले में एनडीए के एक और सहयोगी ने बड़ी बात कही है। 


दरअसल, काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे एनडीए के सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा चुनाव हार गए हैं। इसके बाद अब कल भाजपा के तरफ से किए गए समीक्षा बैठक में जो बातें सामने आई है उसपर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। कुशवाहा ने कहा है कि जो बातें भाजपा के तरफ से कही गई है। जिसमें यह कहा गया है कि जदयू का वोट भाजपा को नहीं मिला। यह मीडिया में नहीं आनी चाहिए इससे काफी नुकसान होता है। 


कुशवाहा ने कहा कि एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं से करबद्ध निवेदन है कि ऐसी खबरों को पब्लिक डोमेन में जाने से रोकें - बचें। क्योंकि इस तरह की ख़बरें हमारे आपस में कटुता बना - बढ़ा सकती है। आरोप - प्रत्यारोप की स्थिति को जन्म दे सकती है। चुनाव परिणाम की समीक्षा अतिआवश्यक है। परन्तु यह हमारा (एनडीए का) आंतरिक मामला है। इसका मकसद हमारी कमियां ढूंढ कर मिलजुलकर उसको दूर करना है। ताकि आगामी विधानसभा चुनाव की फुलप्रूफ रणनीति बनायी जा सके।


इसके आगे कुशवाहा ने कहा कि सार्वजनिक मंच पर चर्चा हमारे मूल मकसद को ध्वस्त कर सकती है। उधर  विरोधी आग में घी डालने के लिए तो बैठा है ही। अतः हम सबको गंभीर होकर अर्जुन की तरह बिहार को फिर से 2005 के पहले वाली स्थिति में ले जाने से रोकने के लिए पुनः एनडीए सरकार की स्थापना के अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।


आपको बताते चलें कि,  बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा को इस बार महज 12 सीटों पर जीत हासिल हुई है। इसके बाद अब पार्टी की तरफ से फीडबैक लेना शुरू कर दिया गया है। इस दौरान कई विस्तारकों ने प्रदेश अध्यक्ष से चुनाव को लेकर अपने अनुभव साझा किये हैं। इसके बाद जो मुद्दा सबसे प्रमुख रूप से निकलकर सामने आया है उसमें कहा गया है कि भाजपा के नेता को जदयू का वोट नहीं मिला है।