BJP शासित हरियाणा में अब बिहारियों को नहीं मिलेगी नौकरी: खट्टर सरकार ने प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों के रिजर्वेशन का आदेश जारी किया

BJP शासित हरियाणा में अब बिहारियों को नहीं मिलेगी नौकरी: खट्टर सरकार ने प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों के रिजर्वेशन का आदेश जारी किया

DESK: हरियाणा की फैक्ट्रियों से लेकर दूसरे संस्थानों में काम कर रहे बिहारियों के लिए बुरी खबर सामने आ गयी है. हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने अपना नया रोजगार कानून लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. 15 जनवरी से ये कानून अमल में आयेगा।


जिसके तहत निजी क्षेत्र की नौकरियों में भी आरक्षण लागू हो जायेगा। नये रोजगार अधिनियम में निजी सेक्टर की कंपनियों को 30 हजार रुपये महीना तक की नौकरियों में हरियाणा के मूल निवासियों को 75 फीसदी आरक्षण देना ही होगा. हरियाणा सरकार के इस फैसले का सबसे बडा असर बिहार के प्रवासी मजदूरों को होगा. हरिय़ाणा के कल-कारखानों से लेकर दूसरी निजी कंपनियों में बड़ी तादाद में बिहारी काम कर रहे हैं. उनकी छंटनी शुरू होने के आसार नजर आने लगे हैं. 


हरिय़ाणा के सीएम ने कहा-हमने वादा पूरा किया

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज नये रोजगार कानून की अधिसूचना जारी होने के मौके पर कहा कि उनकी सरकार ने दो साल पहले विधानसभा चुनाव के समय ही निजी सेक्टर की नौकरियों में आरक्षण लागू करने का वादा किया था. दो साल के भीतर उस वादे को पूरा कर दिया गया है. ये हरिय़ाणा सरकार का ऐतिहासिक फैसला है औऱ इससे उनके राज्य के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार हासिल होगा. 


हालांकि हरियाना सरकार ने पहले निजी क्षेत्र की हर नौकरी में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत पद रिजर्व करने का फैसला लिया था. लेकिन वहां काम कर रही कंपिनयों ने इसका विरोध किया. कंपनियों ने कहा कि इससे उनके काम पर बेहद बुरा असर पड़ सकता है. ऐसे में हरियाणा सरकार ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए सिर्फ 30 हजार रुपए तक का मासिक वेतन वाले पदों पर ही इस आरक्षण को लागू किया है. 


15 जनवरी, 2022 से ये कानून निजी क्षेत्र की कंपनियों, सोसायटियों, ट्रस्ट, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म के नियोक्ताओं और कोई भी व्यक्ति, जो हरियाणा में निर्माण, व्यवसाय करने या कोई सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से वेतन, मजदूरी या अन्य पारिश्रमिक पर दस या अधिक व्यक्तियों को काम पर रखता है, उन पर लागू हो जायेगा. 


सरकार ने ऐसे सारे संस्थानों को कहा है कि वे हरियाणा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर पूरा ब्योरा उपलब्ध करायें कि उनके यहां 30 हजार तक के मासिक वेतन वाले कितने लोग काम करते हैं. उन तमाम लोगों का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा ताकि सरकार को पता चल पाये कि आरक्षण लागू किया जा रहा है या नहीं. सरकार ने इसका उल्लंघन करने वालों को कड़ी सजा देने की चेतावनी दी है. 


बिहारियों को भारी नुकसान

हरिय़ाणा सरकार के नये रोजगार आरक्षण कानून से बिहारियों को सबसे ज्यादा नुकसान होने जा रहा है. हरियाणा की फैक्ट्रियों से लेकर दूसरे निजी संस्थानों में बडे पैमाने पर बिहारी काम करते हैं. एक सर्वे के मुताबिक हरियाणा में कम वेतन वाले मजदूरों में 40 फीसदी बिहारी हैं. हरिय़ाणा में निजी संस्थानों में काम कर रहे 95 फीसदी ऐसे बिहारी हैं जिनका वेतन 30 हजार से कम है. राज्य सरकार के नये कानून के बाद सबसे पहले बिहारियों की ही छंटनी हो सकती है. इसके अलावा भविष्य में किसी बिहारी के लिए हरियाणा में रोजगार पाने का मौका भी समाप्त हो जायेगा।