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1st Bihar Published by: Updated Fri, 13 Mar 2020 07:44:58 AM IST
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PATNA : बिहार से राज्यसभा की एकमात्र सीट पर बीजेपी ने भूमिहार जाति से आने वाले विवेक ठाकुर को भेजने का फैसला किया, लेकिन अब बीजेपी नेतृत्व का यही फैसला उसके गले की फांस बनता जा रहा है. बिहार में कुशवाहा जाति से आने वाले संगठनों ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राजधानी पटना में कई जगह पर बीजेपी के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं. कुशवंशी महासभा की तरफ से लगाए गए इन पोस्टर में बीजेपी पर आरोप लगाया गया है कि उसने कुशवाहा जाति को अपमानित किया है. विधानसभा चुनाव में इसका बदला लेने का दावा भी कुशवंशी महासभा ने किया है.
राज्यसभा चुनाव के लिए दावेदारों की लिस्ट में कुशवाहा समाज से आने वाले पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी का नाम सबसे ऊपर था. सम्राट चौधरी खुद दिल्ली में थे लेकिन पार्टी ने सभी दावेदारों को दरकिनार करते हुए विवेक ठाकुर को टिकट दे दिया. विवेक ठाकुर को उनके पिता डॉ सीपी ठाकुर की जगह पार्टी राज्यसभा भेज रही है. विवेक ठाकुर आज अपना नामांकन भी करने वाले हैं, लेकिन कुशवाहा समाज को हिस्सेदारी नहीं मिलने के बाद अब बीजेपी के खिलाफ नाराजगी खुलकर सामने आ गई है. हालांकि सम्राट चौधरी नए नेतृत्व के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की है लेकिन कुशवंशी महासभा नाम के एक संगठन ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
पिछले कुछ वक्त से भारतीय जनता पार्टी के अंदर कुशवाहा समाज हाशिए पर रहा है. विधान परिषद में कुशवाहा समाज से आने वाले दो नेताओं के निधन के बाद इस समाज को वह भी हिस्सेदारी नहीं मिली है .सूरज नंदन कुशवाहा और सत्येंद्र कुशवाहा के निधन के बाद कुशवाहा जाति से कोई विधान परिषद नहीं पहुंचा है. सम्राट चौधरी को राज्यसभा का दावेदार माना जा रहा था लेकिन उनका भी पत्ता कट गया. पार्टी के अंदर कुशवाहा समाज से आने वाले जो नेता सक्रिय भी हुए उन्हें भी कुछ नहीं मिला. कभी नीतीश कुमार की कैबिनेट में मंत्री रेणु कुशवाहा भी तामझाम के साथ बीजेपी में शामिल हुई थी लेकिन बाद में वहां तरजीग नहीं मिलने के बाद उन्होंने भी अपना रास्ता बदल लिया. पूर्व पुलिस अधिकारी श्रीधर मंडल का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा है. कुशवाहा कार्ड को लेकर बीजेपी अब तक रणनीतिक तौर पर आगे बढ़ने में सफल नहीं दिखी है ऐसे में विधानसभा चुनाव के दौरान उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेताओं को पार्टी किस चेहरे के बूते चुनौती देगी यह भी एक बड़ा सवाल है.