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1st Bihar Published by: Updated Fri, 08 Apr 2022 07:39:25 PM IST
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PATNA: उत्तर प्रदेश में बीजेपी हराओ मुहिम चलाने के बाद बिहार में एनडीए से निकाल दिये गये मुकेश सहनी बिहार में भाजपा हराओ अभियान में बुरी तरह फेल हुए. बिहार में हुए विधान परिषद चुनाव में मुकेश सहनी ने सात सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. मुकेश सहनी की पार्टी ने उन्हीं सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जहां बीजेपी चुनाव लड़ रही थी. मकसद ये था कि भाजपा को डैमेज किया जाये. लेकिन परिणाम देखिये-विधान परिषद की 7 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली वीआईपी पार्टी के सारे उम्मीदवारों को कुल मिलाकर 402 वोट मिले. हद देखिये मुकेश सहनी के गृह जिले दरभंगा में उनकी पार्टी के कैंडिडेट को 24 वोट हासिल हुए.
बता दें कि बिहार में स्थानीय निकाय कोटे से विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव का एलान तब हुआ था जब उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव चल ही रहा था. मुकेश सहनी तब बिहार के एनडीए गठबंधन में शामिल थे. उन्होंने पहले तो विधान परिषद की सभी 24 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का एलान कर दिया था. लेकिन बाद में सिर्फ 7 सीटों पर उम्मीदवार उतारे. मुकेश सहनी ने सिर्फ उन सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया था, जहां बीजेपी के उम्मीदवार खड़े थे. सहनी ने जेडीयू के सारे उम्मीदवारों को समर्थन देने का एलान कर दिया था. लेकिन चुनाव परिणाम ने बिहार की सियासत में उनकी हैसियत का अंदाजा दिला दिया.
मुकेश सहनी के गृह जिले में सिर्फ 24 वोट
मुकेश सहनी ने अपनी पार्टी वीआईपी की ओर से जिन सात सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे उनमें उनका गृह जिला दरभंगा के अलावा सहरसा, पूर्णिया, रोहतास, बेगूसराय, समस्तीपुर औऱ सारण यानि की छपरा सीट शामिल थी. अब उन सीटों पर मुकेश सहनी की पार्टी के उम्मीदवारों को मिले वोटों पर नजर डालिये. सियासी जानकारों की निगाहें सबसे ज्यादा दरभंगा विधान परिषद सीट पर थी. दरभंगा न सिर्फ मुकेश सहनी का गृह जिला है बल्कि वहां निषाद वोटरों की तादाद भी अच्छी खासी है. मुकेश सहनी इसी वोट बैंक की राजनीति करते आये हैं. लेकिन दरभंगा विधान परिषद सीट पर मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के उम्मीदवार बैद्यनाथ सहनी को सिर्फ 24 वोट आये.
विधान परिषद चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी के उम्मीदवारों की हालत दूसरे सीटों पर भी कमोबेश ऐसी ही रही. रोहतास-कैमुर विधान परिषद सीट पर वीआईपी पार्टी के उम्मीदवार गोविंद बिंद को सिर्फ 19 वोट आये. दरभंगा से सटे समस्तीपुर सीट पर वीआईपी उम्मीदवार आदर्श कुमार को महज 43 वोट आये. विधान परिषद की सारण सीट पर मुकेश सहनी की पार्टी के उम्मीदवार बालमुकुंद चौहान को सिर्फ 24 वोट आये. बेगूसराय में वीआईपी प्रत्याशी जय जय राम सहनी को महज 44 वोट. पूर्णिया-अऱरिया-किशनगंज सीट पर वीआईपी के उम्मीदवार श्यामानंद सिंह को 68 वोट आये तो सहरसा-सुपौल-मधेपुरा सीट पर वीआईपी कैंडिडेट चंदन कुमार को 180 वोट.
समर्थन के एलान का कोई असर नहीं
विधान परिषद के चुनाव में अपने सियासी रणनीति के तहत मुकेश सहनी ने जेडीयू के सारे उम्मीदवारों के समर्थन का एलान किया था. लेकिन विधान परिषद चुनाव में बिहार के तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियों भाजपा, जेडीयू और राजद में सबसे खराब प्रदर्शन जेडीयू का ही रहा. यानि मुकेश सहनी के समर्थन का कोई फायदा जेडीयू को नहीं हुआ. ना ही उनके बीजेपी विरोध का कोई असर हुआ क्योंकि बीजेपी इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आयी.
सियासी जानकार बताते हैं कि विधान परिषद चुनाव परिणाम से मुकेश सहनी की बिहार की सियासत में स्थिति औऱ खराब हुई है. बीजेपी उन्हें अपने गठबंधन से बाहर का रास्ता दिखा चुकी है. तेजस्वी भी उनसे चोट खाये हुए हैं. हालांकि मुकेश सहनी समर्थकों को उम्मीद थी कि भविष्य में वीआईपी पार्टी का तालमेल राजद से हो जायेगा. लेकिन विधान परिषद चुनाव के बाद ये साफ हो गया है कि राजद भी मुकेश सहनी को गंभीरता से नहीं लेने जा रहा है. ऐसे में मुकेश सहनी की आगे की राजनीति क्या होगी, ये देखने की बात है.