‘BJP में अपर कास्ट के नेताओं की हो रही घोर उपेक्षा’ भाजपा विधायक ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा

‘BJP में अपर कास्ट के नेताओं की हो रही घोर उपेक्षा’ भाजपा विधायक ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा

PATNA: बिहार के बीजेपी विधायक ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बाढ़ से भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा है कि बिहार से लेकर दिल्ली तक पार्टी में अपर कास्ट के नेताओं की उपेक्षा हो रही है और उन्हें साइड लाइन किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि इतनी बड़ी पार्टी में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। पार्टी में अगड़ी जाति के नेताओं का आज क्या हाल है हर कोई जान रहा है। 


ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि सभी पार्टियों में एक जैसी व्यवस्था हो गई है। बीजेपी में अब पहले जैसा लोकतंत्र नहीं बचा हुआ है। बड़ी संख्या में ऊंची जाति के लोग बीजेपी को वोट करते हैं लेकिन अब भाजपा में ऊंची जाति के लोगों के साथ भेदभाव किया जाता है और उनकी कोई पूछ नहीं रह गई है। बिहार बीजेपी से लेकर दिल्ली तक अपर कास्ट के लोगों का बीजेपी में महत्व खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि बीजेपी में अगड़ी जाति के नेताओं की कोई पूछ नहीं रह गई है। ऊंची जाति के लोग जितना डटकर बीजेपी को वोट देते हैं उतना ही उसकी उपेक्षा हो रही है। दिल्ली से लेकर बिहार तक के सभी अपर कास्ट के नेता किनारे किए जा रहे हैं।


अगड़ी जाति का नेता होने के कारण उनके ऊपर भी कार्रवाई हो सकती है, इस सवाल पर ज्ञानू ने कहा कि वे किसी भी पार्टी में रहते हैं सच बोलते हैं और कहां कमी होती है खुलकर बोलते हैं। अनुशासनहीनता का आरोप लगा था तो डंटकर जवाब दिए थे। संजय जायसवाल के प्रदेश अध्यक्ष रहते शोकॉज पूछा गया था लेकिन जिस गति से सवाल पूछा गया था उससे दोगुनी गति से जवाब दिए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें टिकट मिले या नहीं मिले जो सच बात रहेगी उसे बोलकर रहेंगे। हम हमेशा सच के पक्ष में रहते हैं और हमको किसी से कोई डर भय नहीं है।


बीजेपी विधायक ने कहा कि हमारे सामने किसी की मोनोपॉली नहीं चलने वाली है। इतनी बड़ी पार्टी में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। पार्टी के बड़े नेताओं का क्या हाल है हर कोई जान रहा है। गड़करी, राजनाथ सिंह, वसुंधरा राजे की आज पार्टी में क्या स्थिति हो गई है। इनका बस चले तो योगी आदित्यनाथ को भी दो मिनट में पार्टी से बाहर कर देगा। सब पुराने जो अगड़ी जाति के नेता बीजेपी में हैं उनको साइड लाइन कर दिया गया है और उनकी बातों को सुनने वाला कोई नहीं है।