DESK: देश के चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी रणनीति तय करने में उलझ गई है। बीजेपी आक्रामक और संतुलित चुनाव अभियान को लेकर संशय में है। पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि विपक्ष के दबाव में आने के बाजाए बीजेपी पहले की तरह आक्रामक अभियान जारी रखे हालांकि इस रणनीति में नुकसान की भी संभावना है। ऐसे में बीजेपी को अब रणनीति तय करने के लिए आरएसएस की मदद की दरकार होगी।
दरअसल, बीजेपी ने हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रभारियों की तैनाती पहले ही कर दी थी। इन चुनाव प्रभारियों द्वारा शुरुआती आकलन में रिपोर्ट अच्छी नहीं है। सभी राज्यों में संगठन को लेकर परेशानी बढ़ी है। ऐसे में विपक्ष का सामना करना चुनौती पूर्ण साबित हो सकता है। यही वजह है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व संगठन की समस्या को सुलझाने में जुटा हुआ है ताकि पूरी मजबूती के साथ चुनावी अभियान तेज किया जा सके।
संगठन की नाराजगी के कारण लोकसभा चुनाव में कई राज्यों में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है। पहले के चुनावों में बीजेपी ने आक्रामक तरीके से चुनाव अभियान चलाया था, जिसका उसे फायदा भी मिला था लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में उस आक्रमकता के कारण नुकसान हुआ है। संगठन में नाराजगी इसकी मुख्य वजह मानी जा रही है।
हरियाणा में सीएम बदलने के बावजूद सामाजिक समीकरण नहीं सुधर रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए विपक्षी गठबंधन के सामने कमजोर पड़ गया। ऐसे में विधानसभा चुनाव में भी यह समस्या सामने आ सकती है। जम्मू-कश्मीर में घाटी में बीजेपी की समस्या अभी भी बरकरार है। यहां भी यह तय नहीं है कि घाटी की सीटों पर बीजेपी कैसे चुनाव लड़ेगी। झारखंड में भी बीजेपी में अंदरूनी कलह की बातें सामने आ रही हैं।
इन सबके बीच संघ की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है। तमाम उलझनों को सुलझाने के लिए बीजेपी को आरएसएस की मदद की दरकार है लेकिन संघ के साथ बीजेपी के रिश्तों को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं। हाल के दिनों में संघ के बड़े नेताओं ने बीजेपी नेतृत्व को आड़े हाथों लिया था।
लोकसभा चुनाव में जमीन खीसकने के बाद बीजेपी एक बार फिर से संघ से अपने रिश्ते को मजबूत करने की कोशिश में जुट गई है। कहा जा रहा है कि जल्द ही बीजेपी और संघ की बैठक बुलाई जा सकती है। बैठक के जरिन सभी तरह के मतभेद को खत्म कर बीजेपी संघ का सहयोग हासिल करेगी, ताकि चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में बेड़ा पार लग सके।