SASARAM: बीजेपी नेता व पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद ने सासाराम में रामनवमी जुलूस के बाद हुए उपद्रव के लिए जिला प्रशासन को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि एक खास समुदाय के लोगों को जिला प्रशासन टारगेट कर रही है। बिना किसी सबूत के वैसे लोगों की गिरफ्तारी की जा रही है, जिसे दंगा से कुछ लेना-देना नहीं था। जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अमित शाह की विशाल रैली सासाराम में होनी थी इस रैली को होने नहीं दिया।
जिला प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि भाजपा के नगर अध्यक्ष सहित भारतीय जनता पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। जबकि उनके खिलाफ प्रशासन कोई सबूत पेश नहीं कर पा रही है। उन्होंने जिला प्रशासन पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा कि शहर में शांति व्यवस्था कायम है, लेकिन स्थानीय प्रशासन बेवजह कार्रवाई कर रही है।
ऐसे में अंदर ही अंदर लोगों में इसे लेकर आक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है। कहा है कि जिला प्रशासन जल्द से जल्द बदले की कार्रवाई बंद करें। निर्दोष लोगों को जेल भेजने का काम नहीं होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम को रद्द करने की नियत से ही जिला प्रशासन ने यह काम किया।
बता दें कि सासाराम के पांच बार विधायक रह चुके जवाहर प्रसाद के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने संकल्प लिया था कि कोरोना वायरस का संक्रमण जब तक समाप्त नहीं होगा। तब तक पैरों में जूता-चप्पल नहीं पहनेंगे। वे नंगे पांव ही रहकर राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेते थे और क्षेत्र का भ्रमण करते थे। विधानसभा भी वे नंगे पांव ही जाते थे। हांलाकि विरोधी उस वक्त कहते थे कि यह उनका चुनावी स्टंट हैं। लोगों का सहानुभूति बटोरने के लिए जवाहर प्रसाद ऐसा करते रहे हैं। बता दें कि जवाहर प्रसाद बहुत कम अंतर से पिछली बार के विधानसभा चुनाव में हार गये थे।