PATNA : नीतीश कुमार के साथ बिहार में सत्ता का सुख भोग चुकी भारतीय जनता पार्टी के पास अब केवल विकल्प संघर्ष का है. बीजेपी अब विपक्ष में खड़ी इकलौती पार्टी नजर आ रही है और उसके पास जमीनी स्तर पर संघर्ष के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है. नीतीश कुमार ने जिस तरह पाला बदला उसके बाद बीजेपी के नेता कल प्रदेश मुख्यालय पर धरने पर बैठे थे और अब जिला और प्रखंड स्तर पर आज धरने का कार्यक्रम है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने मन बना लिया है कि किसी हाल में 2024 में नीतीश कुमार और उनके महागठबंधन लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधी चुनौती दी है. उसके बाद बीजेपी के नेताओं के पास जमीनी स्तर पर काम करने की चुनौती बढ़ गई है.
आपको बता दे कि नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए बीजेपी के नेताओं ने यह ऐलान किया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार में उनकी पार्टी 30 से 35 सीटों पर जीत हासिल करेगी. इसके जवाब में नीतीश कुमार ऐलान कर चुके हैं कि बिहार के साथ-साथ देश भर में विपक्ष को एकजुट करेंगे और कहा है कि उनके पास रास्ता खुला है कि 2024 में समान विचारधारा वाले तमाम दलों को एकजुट करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए वे कह चुके हैं कि साल 2014 में जो लोग सत्ता में आए थे 2024 में उनकी हो जाएगी.
पिछली सरकार में नीतीश कुमार के साथ कैबिनेट में शामिल बीजेपी के नेताओं को भले ही कुर्सी जाने का गम सता रहा हो लेकिन जमीनी स्तर पर पार्टी के कार्यकर्ता और नेता खुश हैं. उन्हें ऐसा लग रहा है कि अब संघर्ष के रास्ते से बिहार में वह नया कुछ हासिल कर पाएंगे. बीजेपी के कैडर में खुशी का माहौल देखा गया था. आज जिला और प्रखंड स्तर पर जब बीजेपी के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता धरना देंगे तो जाहिर तौर पर उनके निशाने पर भी मौजूदा सरकार होगी.