RANCHI: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता की मजबूती को लेकर मुहिम चला रहे हैं। इसे लेकर वो देश के विभिन्न राज्यों में जा रहे हैं और विपक्ष पार्टियों को एकजुट कर रहे हैं। नीतीश कुमार की इस मुहिम पर झारखंड की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले सरयू राय ने तंज कसा है। सरयू राय ने कहा है कि विपक्षी एकता की कवायद तराजू पर मेढक तौलने जैसा है।
बता दें कि पिछले दिन ही नीतीश कुमार ओडिशा के सीएम से मिलने के बाद झारखंड आए थे जहां सीएम हेमंत सोरेन से मिले थे। इससे पहले वो राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव सहित विपक्ष के कई नेताओं से मिल चुके हैं। नीतीश कुमार लगातार विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं। नीतीश की एंटी बीजेपी वाली मुहिम को लेकर झारखंड की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले सरयू राय ने अपने मित्र पर हमला बोला है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के बिना विपक्षी एकता की बात बेमानी है।
कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है इस नाते वह मांग कर रही है कि पीएम उम्मीदवार उनकी ही पार्टी से हो। कांग्रेस की यह मांग गलत नहीं है। यदि विपक्षी एकता में पीएम उम्मीदवार का चयन होने लगेगा तो मतभेद होना निश्चित है। इस मामले को नीतीश कुमार किस तरह से लेते हैं यह देखने वाली बात है। ये तीन पांच का खेला सामान्य नहीं है।
सरयू राय आगे कहते हैं कि विपक्षी एकता की कवायद तराजू पर मेंढक तौलने जैसा है। एक बड़ा काम नीतीश कुमार ने उठाया है यह काम इतना आसान नहीं है। यह मुहिम नई नहीं है इससे पहले 1964 में डॉ. राम मनोहर लोहिया और दीन दयाल उपाध्याय ने कांग्रेस के खिलाफ विपक्षी एकता की मुहिम शुरू की थी इसका नतीजा यह हुआ था कि केंद्र में सरकार नहीं गयी। लेकिन बंगाल से पंजाब तक सरकार बदल गयी।