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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 08 Oct 2024 07:49:07 AM IST
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PATNA : बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए नई स्थानांतरण-पदस्थापन नीति लागू की गई है।इस निति में जो सबसे अहम बातें देखने को मिली वह यह था कि अब कोई भी टीचर एक स्कूल में पांच साल से अधिक अपनी सेवा नहीं दें सकेंगे। मतलब पांच साल बाद उनका स्कूल या जिला बदल दिया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने 70 : 30 का फार्मूला भी तैयार किया है। यानी स्कूल में 70 % महिला टीचर रहेंगी और बाकी के 30 %पुरुष टीचर अपनी सेवा देंगे।
वहीं, शिक्षकों का पदस्थापन शिक्षा का अधिकार कानून के मानक के आधार पर होगा। राजनीति में संलिप्तता वित्तीय अनियमितता बरतने एवं नैतिक पतन के मामले में शिक्षक जिला बदर भी किए जाएंगे। इतना ही नहीं उन पर विभागीय कार्यवाही भी चलेगी। यह प्रविधान सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानांतरण-पदस्थापन को लागू की गई नयी नीति में किया गया है।
वहीं, नई नीति के प्रविधान के मुताबिक, चार कोटि के शिक्षकों में से प्रत्येक विद्यालय में 10 प्रतिशत पुराने वेतनमान वाले, 30 प्रतिशत नियोजित, 30 प्रतिशत सक्षमता उत्तीर्ण विशिष्ट एवं 30 प्रतिशत बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त शिक्षक होंगे। प्रत्येक शहरी निकाय को एक इकाई मान कर स्थानान्तरण की कार्रवाई की जाएगी। स्थानान्तरण-पदस्थापन में शिक्षकों की वरीयता का भी ध्यान रखा जाएगा।
इधर, नई नीति में कई अहम बातों का ध्यान रखा गया है। पुरुष शिक्षकों को अपने ही अनुमंडल में पोस्टिंग नहीं मिलेगी। ट्रांसफर के दौरान राज्य स्तरीय वरीयता का ध्यान रखा जाएगा। गंभीर बीमारी जैसे कैंसर से पीड़ित शिक्षक या उनके परिवार के सदस्य को पसंदीदा जिले, अनुमंडल या पंचायत में पोस्टिंग मिल सकेगी। विधवा, तलाकशुदा और अन्य महिला शिक्षिकाओं को भी पसंदीदा जगह पर पोस्टिंग में प्राथमिकता दी जाएगी। अगर पति सरकारी कर्मचारी है, तो पति के कार्यस्थल के आधार पर महिला शिक्षिका को ट्रांसफर का विकल्प मिलेगा।