बिहार से खाली हुए दो राज्यसभा सीटों के लिए कुशवाहा और मनन ने किया नामांकन, निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय

बिहार से खाली हुए दो राज्यसभा सीटों के लिए कुशवाहा और मनन ने किया नामांकन, निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय

PATNA : राज्यसभा चुनाव के लिए बिहार से बीजेपी के उम्मीदवार की घोषणा के बाद अब एनडीए के कैंडिडेट ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है। भाजपा के सिंबल पर सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील मनन कुमार मिश्रा का नाम सामने आया और वह बिहार से राज्यसभा भेजे जाएंगे। इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा के नाम की घोषणा हो चुकी है। यानी बिहार से राज्यसभा के लिए एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा और मनन कुमार मिश्रा होंगे। दोनों उम्मीदवार ने आज अपना नामंकन का पर्चा दाखिल किया, क्योंकि आज ही नॉमिनेशन की आखिरी तारीख है। 


दरअसल, लोकसभा चुनाव में भाजपा के विवेक ठाकुर और राजद की मीसा भारती को मिली जीत के कारण दोनों ने राज्यसभा सदस्यता छोड़ी और अब दोनों सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। नामांकन के साथ ही उपेन्द्र कुशवाहा और मनन मिश्रा का निर्विरोध जीतना तय है। हालांकि,  दोनों सीटों के उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग की ओर से दो अलग अलग नोटिफिकेशन जारी किए गए हैं। ऐसे में मतदान की स्थिति में बिहार विधानसभा के सदस्यों द्वारा दो अलग अलग मतपत्र पर दो बार वोटिंग करने का अवसर रहेगा। 


लेकिन बिहार में एनडीए को पूर्ण बहुमत है इसलिए विधायकों की अधिकतम संख्या के आधार पर एनडीए के दोनों उम्मीदवारों को ज्यादा वोट मिलेगा। इसी कारण विपक्ष की ओर से किसी को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। लिहाजा  एनडीए के दोनों प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन तय है। वहीं, राजद को इस चुनाव में एक सीट का नुकसान होगा। अब तक राजद की मीसा भारती राज्यसभा सांसद थी। अब उनके लोकसभा के लिए निर्वाचित होने से उपचुनाव में राजद को यह सीट नहीं मिलेगी।


जानिये कौन हैं मनन कुमार मिश्रा?

मनन कुमार मिश्रा मूल रूप से बिहार के गोपालगंज के रहनेवाले हैं। पहली बार अप्रैल 2012 में बीसीआई के चेयरमैन निर्वाचित हुए। मनन कुमार मिश्रा ने 1980 में पटना लॉ कॉलेज से वकालत की डिग्री लेकर गोपालगंज सिविल कोर्ट में वकालत शुरू की। उन्होंने 1982 में पटना हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। पहली बार 1989 में बिहार स्टेट बार काउंसिल के सदस्य बने। मनन कुमार मिश्रा फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते हैं। 

कौन हैं उपेन्द्र और मनन 

उपेन्द्र कुशवाहा केंद्र की मोदी -1 सरकार में मंत्री थे। वहीं बिहार की सियासत में कद्दावर नेता माने जाते हैं। नीतीश कुमार के साथ सियासी पारी शुरू करने के बाद जदयू से अलग हुए और उन्होंने अलग अलग राजनीतिक दलों का गठन किया।  इस बीच, लोकसभा चुनाव में काराकाट संसदीय क्षेत्र में उपेन्द्र कुशवाहा की इस बार करारी हार हुई। इसके बाद अब भाजपा के सहयोग से वे राज्यसभा जा रहे हैं।