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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 14 Jun 2023 10:20:43 AM IST
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PATNA : बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है। राज्य में कहीं भी शराब पीना या इससे जुड़ा किसी भी तरह का कारोबार करना शराबबंदी कानून का उलंघन बताया गया है। इसके बाबजूद इस कानून का क्या हाल है वह किसी से भी छुपा हुआ नहीं है, यही वजह है कि समय दर समय इस कानून के नियमों में संसोधन किया जाता रहा है। इस बीच अब एक बार फिर से शराबबंदी कानून के नियमों में संसोधन किया गया है ।
दरअसल, बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून को सही ढंग से पालन करवाने को लेकर अब एक नया संसोधन किया है, इसके मुताबिक़ अब प्रदेश के सभी बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) और सीओ (अंचल अधिकारी) को शराबबंदी अधिनियम के तहत तलाशी या अन्य कार्रवाई करने का आधिकार प्रदान किया गया है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने यह निर्णय शराबबंदी को ग्रामीण स्तर पर सख्ती से लागू करने के लिए लिया है।
बताया जा रहा है कि, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने सभी ग्रामीण विकास पदाधिकारियों और राजस्व पदाधिकारियों शक्ति प्रदान करते हुए शराबबंदी अधिनियम के तहत तलाशी या अन्य कार्रवाई करने का तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अब बीडीओ-सीओ संदेह के आधार पर किसी समय किसी भी परिसर की तलाशी ले सकेंगे। इसके साथ ही मद्य निषेध अधिनियम का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट गिरफ्तार करने या उसके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जा सकेगी।
आपको बताते चलें कि, मद्य निषेध अधिनियम विभाग ने इसी माह एक जून से 36 अनुमंडलों में नए उत्पाद थानों की शुरुआत की है। इसका मकसद ग्रामीण इलाकों में तत्काल छापेमारी व कार्रवाई सुनिश्चित कराना है। अधिसूचना में सभी उत्पाद पदाधिकारियों को अपने अधिकारिता वाले क्षेत्र में थाना के प्रभारी पदाधिकारी की शक्तियां भी प्रदान की गई हैं। हालंकि, मद्य निषेध विभाग ने इससे पहले जिलों में अपर जिला दंडाधिकारी (एडीएम), जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ), मोटरयान निरीक्षक (एमवीआइ) और प्रवर्तन अवर निरीक्षक (इंफोर्समेंट सब इंस्पेक्टर) को भी उत्पाद-मद्य निषेध पदाधिकारी की शक्तियां प्रदान की हुई है।