PATNA : बिहार में एक बार फिर बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन टूट गया है, अब सिर्फ औपचारिक एलान होना बाकी रह गया है। जेडीयू की बैठक में इस बात पर मुहर लगी है कि अब जेडीयू बीजेपी के साथ नहीं रहेगी। अब से थोड़ी देर बाद सीएम नीतीश कुमार राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। इसके साथ ही नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही बिहार में बीजेपी विपक्ष की भूमिका में होगी।
दरअसल, बिहार में एनडीए सरकार के गठन के बाद से ही गठबंधन के मुख्य दल बीजेपी और जेडीयू के बीच किसी ने किसी मुद्दे को लेकर खींचतान चलती रही है। बिहार को विशेष राज्य देने का मुद्दा हो या जातिगत जनगणना या अग्निपथ, हर मुद्दे पर दोनों दलों की अपनी अलग राय रही। किसी न किसी मुद्दे को लेकर दोनों दलों के नेताओं के बीच बयानबाजी होती रही। धीरे-धीरे बीजेपी और जेडीयू के मधुर रिश्तों में खटास आनी शुरू हो गई। दोनों दलों के बीच तल्खी इतनी बढ़ गई की बात NDA की सरकार के अस्तित्व तक पहुंच गई।
इसी बीच आरसीपी प्रकरण और बिहार के 200 विधानसभा सीटों पर बीजेपी द्वारा चुनाव की तैयारी करने पर जेडीयू का शीर्ष नेतृत्व हरकर में आया। हालांकि इस पूरे पॉलिटिकल स्टंट के बीच सीएम नीतीश कुमार ने चुप्पी साध ली। इस दौरान दिल्ली में आयोजित कई बैठकों में नीतीश ने दूरी बना ली। बिहार में बीजेपी के बड़े नेताओं का दौरा हो रहा था लेकिन जेडीयू के अंदरखाने सियासत का खेल शुरू हो गया। नीतीश कुमार और उनकी पार्टी ने तेजस्वी और सोनिया गांधी से संपर्क साधा और रात के अंधेर में बिहार में नई सरकार की पटकथा लिख दी गई।
जेडीयू को डर था कि बीजेपी आरसीपी सिंह के साथ मिलकर महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी खेल करने वाली है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बिना नाम लिए बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। इससे पहले कि बीजेपी अपने मनसूबे में कामयाब होती जेडीयू ने पटखनी दे दी और अब नीतीश बिहार में महागठबंधन के साथ नई सरकार बनाने जा रहे हैं।