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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 13 Dec 2024 09:19:50 PM IST
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PATNA: बिहार सरकार ने आज पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल किया. राज्य के डीजीपी आलोक राज को पद से हटा दिया गया. उन्हें पुलिस भवन निर्माण निगम में वापस भेज दिया गया. विनय कुमार बिहार के नये डीजीपी बने हैं. लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि डीजीपी पद से आलोक राज की इतनी जल्दी छुट्टी कैसे हो गयी.
बिहार सरकार ने 30 अगस्त 2024 को आलोक राज को राज्य का पुलिस महानिदेशक यानि डीजीपी बनाया था. कुल मिलाकर देखें तो डीजीपी पद पर उनका कार्यकाल सिर्फ 3 महीने 13 दिन का रहा. लेकिन मूल सवाल ये है कि आलोक राज को इतने कम समय में क्यों हटा दिया गया.
नीतीश को पसंद नहीं थे आलोक राज
सत्ता के गलियारे में जो चर्चा हो रही है, उसके मुताबिक आलोक राज डीजीपी पद के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पसंद नहीं थे. ये बात पहले भी सामने आ चुकी थी. 2022 के दिसंबर में एसके सिंघल के डीजीपी पद से रिटायर करने के बाद नीतीश सरकार को नये डीजीपी की नियुक्ति करनी थी. तब बिहार के आईपीएस अधिकारियों में सबसे सीनियर आलोक राज थे. आलोक राज 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. लेकिन नीतीश कुमार ने 2022 में सबसे सीनियर आलोक राज को डीजीपी का जिम्मा देने के बजाय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात आर एस भट्टी को बिहार बुलाकर डीजीपी बनाया था. भट्टी 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, यानि आलोक राज से एक साल जूनियर.
खास लोगों की पंसद थे आलोक राज
आरएस भट्टी इसी साल अगस्त में वापस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये. उनके जाने के बाद सियासी गलियारे में ये चर्चा आम थी कि विनय कुमार का डीजीपी बनना तय है. लेकिन सरकार ने आलोक राज को डीजीपी पद पर बिठाने का आदेश जारी कर दिया. सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार के कुछ खास लोगों ने आलोक राज को पुलिस महकमे की सबसे बड़ी कुर्सी सौंपने में अहम भूमिका निभायी थी. चर्चा यही हुई थी कि नीतीश कुमार अपने उन खास लोगों के दबाव में आ गये थे.
लेकिन आलोक राज की ताजपोशी के कुछ समय बाद ही सरकार में ये मैसेज गया कि बिहार पुलिस की व्यवस्था गड़बड़ होती जा रही है. नीतीश कुमार से उनकी पार्टी के ही कई प्रमुख नेताओं ने पुलिस को लेकर गंभीर शिकायतें की थीं. राज्य सरकार बढ़ते अपराध को लेकर भी चिंतित थी. अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं और सरकार को डर था कि कानून व्यवस्था का यही हाल रहा तो अगले चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
लिहाजा, सरकार ने आज अहम फैसला लिया. आलोक राज से दो साल जूनियर विनय कुमार को बिहार का नया डीजीपी बनाने का फैसला लिया गया. विनय कुमार अपनी सख्ती और इमानदारी के लिए जाने जाते हैं. वे लंबे समय तक सीआईडी के एडीजी पद पर तैनात रहे और इस दौरान सीआईडी ने कई अहम मामलों की गुत्थी सुलझायी थी. सरकार ये उम्मीद लगा कर बैठी है कि विनय कुमार के डीजीपी बनने के बाद बिहार पुलिस की हालत सुधरेगी. देखना होगा कि सरकार की उम्मीदें कहां तक पूरी होती हैं.