बिहार NDA की पहली और आखिरी शर्त है नीतीश का नेतृत्व, उपेंद्र कुशवाहा ने BJP को फिर से घेरा

बिहार NDA की पहली और आखिरी शर्त है नीतीश का नेतृत्व, उपेंद्र कुशवाहा ने BJP को फिर से घेरा

PATNA : बिहार एनडीए की पहली और आखिरी शर्त नीतीश कुमार का नेतृत्व है. जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर एनडीए के नेतृत्व को लेकर बड़ा बयान दिया है. कुशवाहा ने बीजेपी को फिर से स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व के बगैर भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के बीच गठबंधन नहीं चल सकता. कुशवाहा ने कहा है कि नेतृत्व को लेकर चाहे जिसे जो समझना है समझे लेकिन यह पहली और आखिरी शर्त है कि नीतीश कुमार ही गठबंधन का नेतृत्व करें.


बता दें कि आज पटना में ज्योतिबा फुले जयंती पर उपेन्द्र कुशवाहा एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे, यहां उन्होंने कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी. नीतीश कुमार को राष्ट्रपति बनाये जाने को लेकर उन्होंने एक बार फिर दोहराया यह सब कोई मामला नहीं है. जबतक एनडीए है नीतीश कुमार ही नेता हैं. इस तरह की बयानबाजी से नुकसान होता है. कुशवाहा ने कहा कि कम्युनिकेशन गैप के कारण ऐसे हालात पैदा होते हैं. इस बारे में आपस में चाय पर चर्चा होनी चाहिए.


जनसंख्या नियंत्रण को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि देश मे कहीं भी मुलमानों की आबादी नहीं बढ़ रही. मुसलमानों की आबादी को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा. केरल उसका उदाहरण है. उन्होंने बीजेपी नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि मुसलमानों की जनसंख्या को लेकर गिरिराज सिंह को डरने की जरूरत नहीं. डरता वो है जो अंदर से कमजोर होता है. गिरिराज सिंह तो मजबूत इंसान हैं फिर क्यों डर रहे.


इसके अलावा उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि कॉलेजियम सिस्टम को बदलने की मांग को लेकर हम अभियान चलाएंगे, जबतक ये सिस्टम रहेगा गरीबों-पिछड़ों को न्याय नहीं मिल पायेगा. जबतक ये सिस्टम रहेगा तब तक मेधावी छात्र जज नहीं बन सकते. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि खुली प्रतियोगिता से जज की बहाली हो। हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जज की बहाली भी उसी प्रक्रिया के तहत हो.