HAJIPUR : आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव की परेशानियां कम होती नहीं दिख रही हैं। पिछले दिनों चारा घोटाला के मामले में कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी जबकि हाजीपुर की कोर्ट ने भी आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में राहत देते हुए बेल दिया था। लेकिन अब उसी मामले में लालू यादव के खिलाफ कोर्ट में आरोप गठित हो गया है। ऐसे में अब एक बार फिर से लालू यादव की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
लालू प्रसाद यादव की ओर से केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट श्याम बाबू राय ने बताया कि यह मामला 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के समय का है। आरजेडी की एक सभा में लालू प्रसाद यादव पर जातिगत टिप्पणी का आरोप लगाया गया था, कहा गया था कि इससे लोग मर्माहत हुए हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि लालू यादव ने ऐसे किसी भी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था जिससे कोई आहत हो।
बता दें कि बीते 18 अप्रैल को हाजीपुर न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लालू यादव की पेशी हुई थी। बेल पीटिशन पर सुनवाई करते हुए एडीजे-1 की कोर्ट ने बीते 23 अप्रैल को लालू यादव को जमानत दे दी थी।साल 2015 में राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के तेरसिया में लालू यादव ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए विवादित बयान दिया था। चुनावी सभी के दौरान लालू यादव ने अगड़ी और पिछड़ी जातियों की बात की थी।
जिसको लेकर राघोपुर के सर्किल इंस्पेक्टर ने गंगाब्रिज थाने में जातीय टिप्पणी करने, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने अक्टूबर 2015 में चार्जशीट दाखिल किया था जिसके बाद 2019 में कोर्ट ने दो जमानती और एक गैर-जमानती धारा में संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया था।